गोरखपुर :विश्वविद्यालय को इसे लेकर विद्यार्थियों का फीडबैक बताएंगे। एनईपी सारथी के रूप में 12 विद्यार्थियों के चयन का निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने लिया है। चयन प्रक्रिया इसी दो-तीन में शुरू कर दी जाएगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने उच्च शिक्षा संस्थानों में सभी स्टेक होल्डर्स खासकर विद्यार्थियों को शामिल करने के लिए सारथी नामित करने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसी क्रम में आयोग की ओर से विश्वविद्यालय को निर्देश दिया गया है कि वह अकादमिक रूप से श्रेष्ठ, बेहतर संवाद करने वाले, नेतृत्व कौशल, दायित्व बोध और रचनात्मक प्रतिभा संपन्न विद्यार्थियों को एनईपी सारथी के रूप में चुनें। चयन का मानक भी आयोग ने बताया है। स्नातक के तीसरे, चौथे और पांचवें सेमेस्टर, परास्नातक के पहले, दूसरे और तीसरे सेमेस्टर और शोध के पहले वर्ष के विद्यार्थी को इसके लिए चुने जाने का मार्गदर्शन दिया है। चयन प्रक्रिया की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विश्वविद्यालय का चयन एनईपी सारथी के रूप में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सारथी के रूप में चयनित विद्यार्थी परिसर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रति जागरूकता प्रसार के लिए आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के सूत्रधार होंगे और विभिन्न रचनात्मक माध्यमों से अपने दायित्वों का निर्वहन करने के साथ-साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में प्रतिभागिता भी करेंगे। वर्ष में बेहतर प्रदर्शन करने वाले सारथी को विश्वविद्यालय प्रमाण-पत्र प्रदान करेगा। प्रमाण-पत्र पाने वालों की संख्या एक से अधिक भी हो सकती है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में विद्यार्थियों की अहम भूमिका है। एनईपी सारथी के रूप में चयनित विद्यार्थी न केवल इसके विषय में जागरूकता प्रसार करेंगे बल्कि विद्यार्थियों के फीडबैक संकलित करने का दायित्व भी निभाएंगे। इनके माध्यम से विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की खूबियों की जानकारी देना आसान हो जाएगा।
प्रो। पूनम टंडन, वीसी, डीडीयूजीयू