गोरखपुर (ब्यूरो).महानगर वितरण मंडल के चारों खंडों में तीन माह पहले रीडिंग डिफेक्ट के करीब 10 हजार मामले आए। अभियंताओं ने अपनी जिम्मेदारी बिलिंग एजेंसी के मीटर रीडरों पर डालकर अपना पल्ला झाड़ लिया। पावर कारपोरेशन के एमडी व अन्य जिम्मेदार अधिकारी वीसी में आरडीएफ श्रेणी में बने बिजली बिल को दुरुस्त करने के निर्देश पर निर्देश देते रहे। एक्सईएन बिलिंग एजेंसी के मीटर रीडरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते रहें। उपभोक्ता भी बिल सुधार के साथ ही खराब मीटर की शिकायत दर्ज कराते रहे। लेकिन परीक्षण खंड से लेकर वितरण खण्ड के जिम्मेदार मीटर नहीं होने बात बोलकर उपभोक्ताओं को आश्वासन देकर दो माह का वक्त गुजार दिए। इसी बीच 12 अक्टूबर को चारों वितरण खण्डों के एक्सईएन समेत परीक्षण खण्ड के एक्सईएन के नाम चेयरमैन का पत्र रजिस्टर्ड डाक से आया। इसके बाद जेएमटी उपभोक्ताओं के परिसर में जांच कर मीटर खराब होने या रीडिंग गलत दर्ज होने की रिपोर्ट देने लगे। इस दौरान सभी ने 4000 से अधिक मीटर बदल डाले। उनकी फीडिंग कराकर बिल भी आउट करा दिए।
आरडीएफ श्रेणी में 10 हजार कनेक्शनों पर गलत बिल बन रहे थे। तीन महीने से पेंडिंग प्रकरण को लेकर चेयरमैन से सभी खण्डों के अभियंताओं को व्यक्तिगत पत्र भेजकर प्रकरणों के निस्तारण के निर्देश दिए। इसके बाद अभियंताओं ने 5000 मामलों का निस्तारण कर दिया। परीक्षण खण्ड ने भी करीब 4 हजार मीटर बदल दिए है। शेष मामलों का निस्तारण तेजी से किया जा रहा है।
ई। यूसी वर्मा, एसई नगरीय वितरण मंडल