गोरखपुर (ब्यूरो)। इन दिनों यंगस्टर्स पर ऑनलाइन गैंबलिंग की जकड़ में आते जा रहे हैं। ये लत उन्हें पैथोलॉजिकल गैंबलिंग जैसी बीमारी का शिकार बना रही हैं। इससे वह अपराध की दुनिया में भी कदम रखने में पीछे नहीं हट रहे है। पेश है अविनाश श्रीवास्तव की रिपोर्ट

फायदे कम, नुकसान ज्यादा

ऑनलाइन गैंबलिंग पूरी तरह से भाग्य पर आधारित है। जिसके चलते इसको जुआ की श्रेणी में माना जाता है। लेकिन ऑनलाइन गेंमिंग कंपनियां कानूनी पेचीगियों को फायदा उठाकर इसे संचालित कर रही हैं। वहीं गेमिंग के चलते इससे फायदा कम और नुकसान की आशंका ज्यादा रहती है। देश में 500 से अधिक वेबसाइट्स ऐसी हैं जिसके माध्यम से ऑनलाइन गैंबलिंग चल रही है। इन वेबसाइट्स पर जाकर यंगस्टर्स गैंबलिंग कर कर रहे हैं।

टारगेट पर हैं यंगस्टर्स

ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से 1100 करोड़ के फ्रॉड का खुलासा हैदराबाद पुलिस कर चुकी है। 18 साल से 25 साल के यंगस्टर्स को यह ऑनलाइन कंपनियां टारगेट कर रही हैं। गोरखपुर के भी कुछ युवाओं को इन कंपनियों ने लाखों का नुकसान पहुंचाया है। इसका काफी प्रचार और प्रसार कर युवाओं को करोड़ों रुपए जीतने के सपने कंपनियां दिखा रही हैं।

ऑनलाइन एड कर रहे एट्रैक्ट

ऑनलाइन गेम खेलकर पैसे जीतने के सोशल मीडिया सकते कई प्लेटफॉर्म एड आते रहते हैं। पैसे कमाने के लालच में यंगस्टर्स ऑनलाइन गेम खेलना शुरू कर देते हैं। शुरू में कुछ पैसे जीत जाते हैं तो इनका मन गेम खेलने में और लगने लगता है। जब हारना शुरू करते हैं तो नुकसान की भरपाई करने बड़े-बड़े दांव लगाने लगते हैं। ऐसे में कई युवा लाखों रुपए फूंकने के बाद कर्जदार भी हो गए हैं, क्योंकि उन्होंने अपने दोस्तों, परिचितों से पैसे उधार लेकर भी ऑनलाइन गेम में दांव लगा दिया।

केस-1

युवक ने कर लिया सुसाइड

ऑनलाइन गेम में रुपए हारने के बाद सिटी के शाहपुर एरिया के विष्णुपुरम कॉलोनी में 24 वर्षीय यंगस्टर ने आत्महत्या कर ली थी। युवक के पास से सुसाइड नोट भी मिला है। इसकी पुष्टि पुलिस ने भी की है। पुलिस का कहना है कि युवक को ऑनलाइन गेम खेलने की लत लग गई थी। रुपए हारने के कारण वह तनाव में आ गया था। जिसके बाद उसने यह आत्मघाती कदम उठाया।

केस-2

अपने ही किडनैप की रची साजिश

सिटी के उचंवा में ऑनलाइन गेम में रुपए हारने के बाद 19 वर्षीय एक यंगस्टर ने अपना ही किडनैप की साजिश रच डाली थी। इसके बदले में उसने अपने ही पिता से पांच लाख रुपये की फिरौती मंगवाई थी। और अपनी मां के वॉट्सएप पर बेहोशी के हाल में फोटो भेजा था। लड़के ये पिता ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो पुलिस ने सर्विलांस की मदद से युवक का लोकेशन खोजी तो वह लखनऊ में मिला। पुलिस ने उसे लखनऊ से बरामद कर लिया।

केस-3

रचा फर्जी लूट ड्रामा

ऑनलाइन गेम में रुपए हारने के बाद जिले के गोला में एक यंगस्टर ने लूट की फर्जी घटना की साजिश रच डाली। जांच में पता चला कि युवक ऑनलाइन गेम में पिता के खाते से 25 हजार रुपये हार गया था, जिस वजह से उसने झूठी साजिश रची और पुलिस को फर्जी जानकारी दे डाली। बैंक रिकॉर्ड, सीसी टीवी कैमरा और मोबाइल सीडीआर की मदद से पुलिस ने फर्जी घटना का खुलासा किया।

क्या है पैथोलॉजिकल गैंबलिंग

पैथोलॉजिकल गैंबलिंग, जिसे गैंबलिंग डिस्ऑडर भी कहा जाता है, यह एक मानसिक बीमारी है। इसमें व्यक्ति को गैंबलिंग की लत होती है, चाहे इसके परिणाम कुछ भी हो। यह एक गंभीर बीमारी है। सही समय पर अगर इलाज नहीं किया गया तो इसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं।

ऑनलाइन गैंबलिंग की लत जब बीमारी बन जाती है तो इसे पैथोलॉजिकल गैंबलिंग कहते हैं। कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें यंगस्टर्स को लाखों रुपए ऑनलाइन गेम में खर्च कर रहे हैं।

डॉ। तपश कुमार, मनोचिकित्सक

पैथोलॉजिकल गैंबलिंग ऑब्सेसिव कपल्सिव डिस्ऑर्डर के तहत होने वाली बीमारी है। कोरोना काल में बच्चों के हाथ में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल पहुंचा तो अब हर महीने एक-दो केस सामने आने लगे हैं।

- डॉ। अमित शाही, मनोचिकित्सक