गोरखपुर (ब्यूरो)।उन्होंने रेलवे प्रशासन से वरिष्ठ नागरिकों के किराए में पूर्व की भांति रियायत (छूट) को बहाल करने तथा पैसेंजर ट्रेनों में लगने वाले एक्सप्रेस के किराए पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।

विचार करने पर जोर

बुधवार को सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम के बैडङ्क्षमटन हाल में आयोजित बैठक में सदस्यों ने फिर गोरखपुर से वंदे भारत, राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों के संचालन की वकालत की। सदस्यों ने एनई रेलवे के मुख्य मार्ग पर भी देश की प्रमुख गतिमान ट्रेनों को संचालित करने की मांग करते हुए संचालन अवधि पर भी विचार करने पर जोर दिया। सदस्यों ने कहा कि रेल लाइनों के दोहरीकरण और विद्युतीकरण के बाद भी गोरखपुर से लखनऊ पहुंचने में सात से आठ घंटे लग जा रहे हैं। सवाल यह है कि रेल लाइनों व ट्रेनों की क्षमता बढऩे के बाद भी यात्रियों को राहत क्यों नहीं मिल पा रही। सदस्यों ने स्टेशनों और ट्रेनों में धड़ल्ले से लोकल ब्रांड के पानी की बोतलें बिकने का मुद्दा भी उठाया।

जंक्शन पर हो गुरु गोरक्षनाथ की मूर्ति

सदर सांसद रवि किशन शुक्ल के प्रतिनिधि समरेन्द्र विक्रम ङ्क्षसह ने गोरखपुर जंक्शन, कैंट और नकहा जंगल स्टेशन के विकास से संबंधित सुझाव प्रस्तुत किए। उन्होंने गोरखपुर जंक्शन पर गुरु गोरक्षनाथ की मूर्ति स्थापित कर पूर्वांचल की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान स्थापित करने की मांग की। साथ ही गोरखपुर स्टेशन का नाम महायोगी गुरु गोरक्षनाथ करने की मांग की। बस्ती स्टेशन का नाम भी वशिष्ठ नगर करने की मांग उठी। अनूप पांडेय ने जगतबेला स्टेशन पर टिकट काउंटर खोलने व स्टेशन के पास वाली सड़क को दुरुस्त कराने की मांग की।

रेलवे की अनदेखी पर उठ रहे गंभीर सवाल

रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति के सदस्य महेंद्र कुमार सिंह ने पटरियों के बीच में मजार के विस्तार का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया। इस मुद्दे को उठाते हुए सदस्य राकेश सिंह पहलवान ने इसे देश की सुरक्षा के लिए चिंताजनक बताया। महेंद्र कुमार सिंह ने इसका समर्थन करते हुए तुरंत कार्यवाही की मांग की। दोनों सदस्यों ने इस मामले में लिप्त रेलवे अधिकारियों के खिलाफ करवाई करने व मजार को किसी सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित करने की भी मांग की।

गोरखपुुर से लखनऊ का कम हो टाइम

महेंद्र सिंह ने एक साल पहले समिति की बैठक में सुझाव दिया था कि गोरखपुर से लखनऊ के बीच यात्रा के समय को कम किया जाना चाहिए। लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। अब दोहरी लाइन के साथ यहां विद्युतीकरण होने के बाद भी सात से आठ घंटे समय लग रहा है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर आज पर्यटन, सांस्कृतिक एवं धार्मिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। ऐसे में बार-बार मांग करने के बाद भी वंदेभारत और शताब्दी का ना चलाया जाना चिंताजनक है।

सभी क्षेत्रों में उठाए कदम

अध्यक्षता करते हुए महाप्रबंधक चंद्र वीर रमण ने कहा कि इस प्रकार की बैठकों के माध्यम से हमें जन-सामान्य की आकांक्षाओं और आवश्यकताओं का पता चलता है। हमने लाइन क्षमता में सुधार, यात्री सुविधाओं के उन्नयन, गाडिय़ों के संरक्षित संचलन, कर्मचारी कल्याण, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हरित पहल सहित अन्य सभी क्षेत्रों में पर्याप्त कदम उठाए हैं। अंत में केंद्रीय रेल उपभोक्ता परामर्शदात्री समिति के लिए भूपेन्द्र पांडेय का चुनाव हुआ। उप महाप्रबंधक (सामान्य) कृष्ण चंद्र ङ्क्षसह ने संचालन और आभार ज्ञापित किया।