-दो महिला कारोबारी संभालती स्मैक का धंधा, गैंगेस्टर की कारज्वाई

- अवैध शराब का बड़ा कारोबार, गोरखपुर से गुजरती गांजा की खेप

जिले में नशे के कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई में कोई ड्रग माफिया चिह्नित नहीं किया गया है। स्मैक का कारोबार करने वाली दो महिलाओं और उनके गैंग के सदस्यों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई हो चुकी है। नेपाल और बिहार से सटे होने की वजह से वाया गोरखपुर गांजा की खेप गुजरती है। जबकि, धीरे-धीरे गोरखपुर और आसपास के इलाके अवैध शराब की गढ़ बनते जा रहे हैं। एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने अवैध शराब का कारोबार पूरी तरह से नष्ट करने का निर्देश थानेदारों को दिया है। इसकी रोजाना मानीटरिंग की जा रही है। अवैध शराब के साथ-साथ गांजा और स्मैक का कारोबार करने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। पूर्व में चिह्नित किए गए कारोबारियों पर पुलिस एक्शन लेगी। अवैध कारोबार के जरिए कमाई उनकी प्रापर्टी को जब्त कराने की कार्रवाई जारी है।

तीन दिन पहले मिला एक करोड़ का गांजा

6 सितंबर की रात एनसीबी लखनऊ यूनिट के इंस्पेक्टर अरविंद ओझा को टैंकर में गांजा की खेप छिपाकर आजमगढ़ ले जाने की सूचना मिली। गोरखपुर-वाराणसी हाइवे के महावीर छपरा में पुलिस और एनसीबी की टीम ने टैंकर की चेकिंग की। असोम से आजमगढ़ जा रहे टैंकर में करीब एक करोड़ रुपए कीमत का गांजा बरामद हुआ। 101 बंडल में 10 क्विंटल 50 किलो गांजा छिपाकर रखा गया था। गांजा की खेप के साथ पुलिस ने तीन लोगों को अरेस्ट किया। तेजपुर, असाम से लोड गांजा मोहम्मदाबाद, मउ लेकर जा रहे थे। इसके पूर्व शहर और आसपास के इलाकों में अवैध शराब के साथ ही स्मैक का धंधा सामने आ चुका है। राजघाट और शाहपुर एरिया में रहने वाली महिला कारोबारियों सहित करीब 15 लोगों के खिलाफ पूर्व में पुलिस कार्रवाई कर चुकी है। पुलिस कार्रवाई में गांजा की तस्करी करने वाले और फुटकर कारोबार करने वाले भी पकड़े जा चुके हैं। गोरखपुर के रास्ते चरस की तस्करी करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है।

डक्टराईन और पंडिताइन स्मैक में बदनाम

पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि शहर में स्मैक, गांजा और अवैध शराब के कई मामले सामने आए हैं। लेकिन ड्रग्स के साथ किसी की बरामदगी और गिरफ्तारी नहीं हुई। इसलिए किसी ड्रग माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी। स्मैक का कारोबार करने वाली दो महिलाओं के खिलाफ गैंगेस्टर के मुकदमे दर्ज हुए हैं। शाहपुर एरिया में रहने वाली किशुन कुमारी उर्फ पंडिताइन और राजघाट एरिया की धर्मशीला उर्फ डक्टराईन स्मैक के धंधे का संचालन करती हैं। दोनों के खिलाफ पुलिस कई बार कार्रवाई कर चुकी है। 24 जून को पुलिस ने पांच लाख रुपए कीमत की स्मैक और दो लाख रुपए के गांजा सहित चार युवकों को अरेस्ट किया। तब सामने आया कि उनको डक्टराईन ही सप्लाई देती है। अगस्त में भी शाहपुर पुलिस ने पंडिताइन को अरेस्ट किया था। इसके खिलाफ 17 मुकदमे हैं। लेकिन ड्रग माफिया के रूप में इसे दर्ज नहीं किया जा सका है।

माफिया गैंग सदस्य

अपराधिक माफिया 25 142

लुटेरा गैंग 22 101

वन माफिया 05 21

ठेकेदार माफिया 03 21

चोर गैंग 04 18

डकैती 01 11

वाहन चोरी गैंग 08 29

पासपोर्ट माफिया 01 03

आबकारी माफिया 11 37

भू माफिया 09 16

खनन माफिया 01 01

90 गैंग, 400 सदस्यों ने संभाली जरायम की कमान

पुलिस रिकार्ड के अनुसार, रजिस्टर्ड किए 90 गैंग के चार सौ सदस्य जिले में जरायम की कमान संभाले हुए हैं। इनकी नियमित निगरानी करती हुई पुलिस टीम कार्रवाई करती है। माफिया सूचीबद्ध किए गए हैं। इन माफिया की लिस्ट में ड्रग्स माफिया के नाम का जिक्र नहीं है। जबकि पूर्व में कई बार स्मैक का मामला पकड़ा जा चुका है।

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

24 जून 2020: पांच लाख रुपए कीमत की स्मैक, दो लाख के गांजा संग चार अरेस्ट।

13 मार्च 2019: एसटीएफ की कार्रवाई में दो युवक अरेस्ट, दो किलो हिरोइन बरामद हुई।

10 नवंबर 2018: गोरखपुर से सेवहरी जा रही स्मैक की करीब एक करोड़ की खेप हाटा, कुशीनगर में पकड़ी गई।

10 जुलाई 2018: गुलरिहा एरिया के सेमरा नंबर एक, साईधाम में तीन लोगों को स्मैक बेचने में पुलिस ने पकड़ा।

20 दिसंबर 2017: गोरखनाथ एरिया के धर्मशाला बाजार में पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान 50 पुडि़या स्मैक संग युवक को अरेस्ट किया।

25 जुलाई 2017: शाहपुर के खरैया पोखरा में रहने वाले स्मैक की महिला कारोबारी पंडिताइन के घर छापेमारी कर पुलिस ने 550 ग्राम स्मैक, 93 हजार नकदी बरामद किया।

वर्जन

मादक पदार्थो के अवैध कारोबार को बंद कराने के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। यदि कहीं पर भी ड्रग्स का कारोबार हो रहा है तो उसकी रोकथाम करते हुए प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।

जोगेंद्र कुमार, एसएसपी