- बिजी हुई पुलिस, फाइल लेकर दौड़ रहे दरोगा
- 13 हजार मुकदमों की पेंडेंसी खत्म करने का प्रेशर
GORAKHPUR: थानों में दर्ज मुकदमों में विवेचकों की हीला-हवाली से चार्जशीट नहीं फाइल हो पा रही थी। जिले के विभिन्न पुलिस स्टेशन में पेंडिंग पड़े करीब 13 हजार केसेज की विवेचना में 8197 का मामलों का निस्तारण शनिवार हुआ। मीटिंग के दौरान एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने स्पेशल कैंपेन चलाकर केसेज का निस्तारण करने का निर्देश दिया था। एसएसपी के निर्देश से इंस्पेक्टर से लेकर एसआई तक बिजी नजर आ रहे हैं। दिनभर फाइलों को लेकर दौड़भाग चलती रही। एसएसपी ने कहा कि मुकदमों का निस्तारण होने से पीडि़तों को बड़ी राहत मिलेगी। इसलिए इसके लिए विशेष अभियान चलाए जाय।
फाइल लेकर दौड़ रहे दरोगा, बढ़ा हुआ है प्रेशर
जिले में क्राइम मीटिंग के दौरान यह सामने आया कि 13 हजार से अधिक विवेचनाएं विभिन्न थानों में पेंडिंग पड़ी हैं। इसको लेकर आए दिन फरियादी पुलिस अधिकारियों का चक्कर लगाते हुए जल्द से जल्द चार्जशीट लगाने का एप्लीकेशन देते रहते थे तो दूसरी ओर जानबूझकर फाइलों को लटकाने का आरोप भी विवेचकों पर लगता था। इससे पुलिस की छवि खराब हो रही थी। बेवजह ही पीडि़तों को थाने से लेकर सीनियर अधिकारियों तक का चक्कर लगाना पड़ रहा था। इस समस्या को देखते हुए विशेष अभियान चलाकर मामलों को निस्तारित करने का निर्देश दिया। एसएसपी का सख्ती का असर भी नजर आया। मुकदमों को निपटाने के लिए थानों के दरोगा फाइलें लेकर दौड़भाग में जुटे हैं। आनलाइन चार्जशीट कटवाने के लिए सीसीटीएनएस के बाबुओं की मनुहार कर रहे हैं। महज 5162 मुकदमे पेंडिंग रह गए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इनको भी जल्द ही निस्तारित करा दिया जाएगा।
पब्लिक को यह होगा फायदा
- दर्ज मुकदमे में अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट फाइल हो जाएगी।
- कोर्ट में मामला पहुंचने पर पीडि़त जल्द से जल्द ट्रायल शुरू करा सकेंगे।
- प्रभाव का इस्तेमाल करके मामलों को पेंडिंग कराने वाले आरोपितों पर कार्रवाई होगी।
- मुकदमों के निस्तारण के लिए बेवजह पीडि़तों को थाना से लेकर कोर्ट तक चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।
- चार्जशीट फाइल होने से उनको कोर्ट में जल्दी न्याय मिल सकेगा। अभियुक्तों को सजा हो सकेगी।
खारिज नहीं हुआ कोई मुकदमा
हाल के दिनों में जिन मामलों की विवेचना पूरी हुई है। उनमें किसी भी मामले को पुलिस ने खारिज नहीं किया है। निस्तारित किए गए केसेज में 19 सितंबर तक कुल 82 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगी है। अन्य सभी मामलों में आरोप तय करके चार्जशीट न्यायालय भेजने की प्रक्रिया चल रही है। चार्जशीट लगने से मुकदमों के निस्तारण का बोझ कम हुआ है।
इन थानों में इतने मामले
पुलिस स्टेशन चार्जशीट एफआर पेंडिंग
कोतवाली 395 04 57
राजघाट 333 01 147
तिवारीपुर 239 06 70
कैंट 381 14 726
खोराबार 269 22 197
रामगढ़ताल 479 05 87
गोरखनाथ 217 04 134
शाहपुर 521 04 286
महिला थाना 00 00 61
कैंपियरगंज 189 00 225
पीपीगंज 305 00 212
सहजनवां 323 00 296
गीडा 167 00 101
चिलुआताल 336 04 207
चौरीचौरा 250 00 217
झंगहा 304 03 265
पिपराइच 237 08 125
गुलरिहा 302 00 410
बांसगांव 181 00 184
गगहा 281 03 186
बेलीपार 406 01 132
गोला 331 03 179
बड़हलगंज 472 00 208
उरुवा 310 00 74
बेलघाट 364 00 106
खजनी 308 00 115
सिकरीगंज 130 00 79
हरपुर बुदहट 85 00 76
कुल 8115 82 5162
जिन मुकदमों की विवेचना पेंडिंग पड़ी थी। उन सभी के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण का निर्देश दिया गया है। एडिशनल एसपी और सीओ के सुपरविजन में मुकदमों में चार्जशीट और फाइनल रिपोर्ट लगाई जा रही है। इसकी प्रॉपर मानिटरिंग की जा रही है। मुकदमों का समयबद्ध निस्तारण कराने में किसी तरह की लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी।
जोगेंद्र कुमार, एसएसपी