- थाने से लेकर जेल तक फैला कोरोना, पुलिस की बढ़ी परेशानी

- जरूरी कामों को डिजिटली निपटाने पर दिया जा रहा है जोर

GORAKHPUR:

कोरोना महामारी के बीच पिछले तीन माह से ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों में कोरोना संक्रमण की दहशत नजर आने लगी है। पुलिस आफिस से लेकर एसएसपी के बंगले में तैनात पुलिस कर्मचारी भी चपेट में आने लगे हैं। कैंट थाना में सात पुलिस कर्मचारियों के संक्रमित पाए जाने के बाद से पब्लिक के लिए कामकाज ठप कर दिया गया है। कैंट थाने पर आने वाले केसेज के समाधान की जिम्मेदारी चौकी प्रभारियों को सौंप दी गई है। हांलाकि कोरोना का दायरा धीरे- धीरे पुलिस चौकियों तक भी फैलने लगा है। ऐसे में पब्लिक की कामकाज को लेकर समस्या खड़ी होने लगी है। इस वजह से पुलिस अधिकारी पब्लिक की समस्याओं को साल्व करने के लिए अब डिजिटल प्लेटफार्म यूज करने पर जोर देने लगे हैं। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस कर्मचारियों को सावधानी बरतते हुए काम करने के निर्देश दिए गए हैं। पब्लिक को चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा लोग मोबाइल फोन और व्हाट्सएप के जरिए अपनी समस्याएं शेयर करें। वहीं, एसएसपी ने बताया कि कांटेक्ट ट्रेसिंग में सभी की कोरोना जांच कराई जा रही है।

कम रही फरियादियों की तादाद, फोन के जरिए करें संपर्क

कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल के दिनों में पुलिस कर्मचारियों के पॉजिटिव पाए जाने से थानों और चौकियों पर इसका असर नजर आने लगा है। एसएसपी के बंगले पर स्थित सर्विलांस सेल में तैनात कांस्टेबल सहित दो कांस्टेबल पॉजिटिव पाए गए हैं। जबकि कैंट थाना में तैनात पुलिस कर्मचारी पॉजिटिव पाए। सीओ गोरखनाथ के दफ्तर में तैनात सिपाही और पुलिस ऑफिस में बड़े बाबू के कार्यालय में एक कांस्टेबल के कोरोना संक्रमित होने की बात सामने आई है। पुलिस कर्मचारियों में कोरोना फैलने की वजह से मंगलवार को पुलिस दफ्तर में पब्लिक की भीड़ कम रही। पुलिस अधिकारियों से मिलने पहुंचे फरियादियों के बेहद ही आवश्यक कार्य होने पर घर से निकलने की हिदायत दी गई। साथ ही यह भी बताया गया है कि मोबाइल फोन के जरिए संपर्क में रहकर अपने काम की पैरवी कर सकते हैं।

पुलिस से लेकर पब्लिक तक, सभी को संक्रमण का खतरा

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेसिंग जरूरी है। लेकिन सड़कों पर निकलने के दौरान दायरा टूट जा रहा है। इसलिए पुलिस कर्मचारियों से लेकर पब्लिक तक में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ता ही जा रहा। थानों और पुलिस अधिकारियों के ऑफिस पर दिनभर फरियादियों की भीड़ लगी रहती है। इसलिए पहले से ही सेनेटाइजर, थर्मल स्कैनिंग और हैंड वाश की व्यवस्था की गई है। तमाम सावधानी बरतने के बावजूद पुलिस कर्मचारी लगातार कोरोना के शिकार हो रहे। इसलिए थानों और पुलिस चौकियों पर जाने वाली पब्लिक की परेशानी बढ़ सकती है।

बंदियों को कोरोना, परेशान हैं थानेदार

मंडलीय कारागार में बंद दो बंदियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद से हड़कंप मचा है। एक बंदी को गोला पुलिस ने आठ जुलाई को अरेस्ट किया था। दूसरे बंदी को कैंपियरगंज से गिरफ्तार करके भेजा गया था। दोनों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद से दोनों थानों पर तैनात पुलिस कर्मचारी और थानेदार परेशान हैं। अभियुक्तों की गिरफ्तारी से लेकर उनको जेल पहुंचाने वाले पुलिस कर्मचारी काफी चिंतित हैं। इसलिए सभी को सलाह दी जा रही है कि थानों पर जाने से परहेज करें।

पुलिस का सुझाव

इमरजेंसी के लिए डॉयल 112 नंबर पर काल करें।

सूचना देने के लिए एसओ और चौकी प्रभारी को फोन करें।

एसओ से बात करके उनके मोबाइल पर कंप्लेन व्हाट्सएप करें।

आनलाइन कंप्लेन को आईजीआरएस पर दर्ज कराया जा सकता है।

अति आवश्यक मामलों के लिए थानों और अधिकारियों से मिलने पहुंचे।

एफआईआर दर्ज कराने के लिए यूपी कॉप एप का इस्तेमाल करें।

यूपी कॉप एप पर दी गई सूचनाओं की मानिटरिंग पुलिस करती है।

भीड़ से बचाव करें, सुरक्षा के लिए मास्क पहने, हाथों को धोएं और सेनेटाइजर यूज करें।

रोजाना पुलिस कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। इसको देखते हुए ज्यादातर कामों को फोन के जरिए ही निपटाया जाएगा। अति आवश्यक मामलों को छोड़कर अन्य सभी के लिए शेड्यूल तय किया जाएगा। पब्लिक को चाहिए कि संक्रमण को देखते हुए बेवजह घर से बाहर निकलने से परहेज करें।

डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी

पब्लिक की ज्यादातर समस्याओं को फोन पर सुना जा रहा है। इमरजेंसी में पुलिस टीम मौके पर भी पहुंच रही है। सभी को कहा गया है कि स्पॉट पर पूरी सावधानी बरतें। कोरोना संक्रमण का खतरा सबके लिए है। इसको देखते हुए हर किसी को बचाव करना होगा। पब्लिक से अनुरोध है कि बेहद ही जरूरी काम होने पर घर से निकलें।

डॉ। कौस्तुभ, एसपी सिटी