प्राथमिक विद्यालय, देवीपुर

समय : 10.15 बजे

स्थिति : ताला बंद

प्राथमिक विद्यालय, करमहा

समय : 10.25 बजे

स्थिति : ताला बंद

प्राथमिक विद्यालय, अयोध्याचक

समय : 10.35 बजे

स्थिति : ताला बंद

प्राथमिक विद्यालय, बसडीला

समय : 10.50 बजे

स्थिति : ताला बंद

प्राथमिक विद्यालय, डुमरी कोर्ट (बीएसए ऑफिस)

समय : 11.00 बजे

स्थिति : ताला बंद

- आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में परिषदीय स्कूलों की हकीकत आई सामने

- आधा दर्जन स्कूलों में सिर्फ एक स्कूल में मिड डे मिल का था इंतजाम

- खंड शिक्षा अधिकारी का कार्यालय भी मिला बंद

SARDAR NAGAR: देश के भविष्य माने जाने वाले बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य की चिंता शासन को भले ही हो, लेकिन उनकी तकदीर गढ़ने वाले शिक्षकों को इसकी रत्तीभर भी परवाह नहीं है। परिषदीय स्कूलों में मिड डे मिल को नियमित रूप से संचालित करने का निर्देश स्कूल प्रिंसिपल और प्रधान को है बावजूद स्कूलों में ताले लटके हैं। गुरुवार को आई नेक्स्ट की तरफ से किए गए रियलिटी चेक में प्रिंसिपल व प्रधान की घोर लापरवाही तो सामने आई ही, इनकी मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों की उदासीनता भी उजागर हुई। आधा दर्जन विद्यालयों में मात्र एक विद्यालय में बच्चों को भोजन मिला। बाकी सभी स्कूलों में ताले लटके हुए थे। यहां तक कि खंड शिक्षा अधिकारी का कार्यालय भी बंद मिला।

बच्चे मौजूद लेकिन भोजन नहीं

डुमरी कोर्ट स्कूल पर कुछ बच्चे खेलते मिले। पूछने पर बताया कि घर से स्कूल पर खाने के लिए भेजा गया लेकिन यहां तो ताला बंद है। स्कूल के अगल-बगल के लोगों के अनुसार कई दिनों से मिड डे मिल नहीं बन रहा। कभी बनता है तो कभी नहीं बनता। वे बच्चों को स्कूल भेज देते हैं कि बना होगा तो खा लेंगे। नहीं बना होता तो घर आकर खा लेते हैं। ग्रामीणों से यह पूछने पर कि इसकी शिकायत नहीं की? वे उल्टे ही पूछ पड़ते हैं कि किससे शिकायत करने जाएं? क्या अधिकारियों को यह सब पता नहीं है? जो होता है, सबकी मिलीभगत से ही होता है।

साहब के वहां भी ताला

विद्यालयों की रियलिटी चेक के बाद जब इस स्थिति पर खंड शिक्षा अधिकारी का बयान लेने टीम उनके कार्यालय पहुंची तो वहां भी ताला लटकता मिला। जाहिर है कि इसी स्थिति का फायदा विद्यालय के प्रिंसिपल, प्रधान उठा रहे हैं। जब उनकी मॉनिटरिंग करने वाले साहब के कार्यालय में ही ताला लटक रहा हो तो भला वे क्यों विद्यालय का ताला खोलने का जहमत उठाएं? बच्चों के निवाले को ताले में बंद कर जिम्मेदार उनके पोषण का ख्याल रख रहे हैं या उनके स्वास्थ्य के साथ मजाक कर रहे हैं, यह आप खुद ही समझ सकते हैं।

ऐसी लापरवाही हो रही है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। ग्राम प्रधानों को कहलवाया जाएगा कि वे स्कूलों पर बच्चों को भोजन बनवाने में मदद करें।

- ओमप्रकाश यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी

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बस, यही एक विद्यालय खुला मिला

करीब 11.15 बजे टीम प्राथमिक विद्यालय तिलोली पहुंची। रास्ते में आशंका थी कि कहीं यहां भी ताला न बंद हो लेकिन स्कूल के नजदीक पहुंचते ही बच्चों की आवाज सुनाई देने लगी। स्कूल में बच्चे भोजन कर रहे थे। मेनू में पूड़ी, सब्जी और हलुआ था। 75 बच्चे मौजूद थे। प्रिंसिपल अल्पा निगम बच्चों को भोजन करा रही थीं। बच्चों ने बताया कि उन्हें यहां रोज भोजन मिलता है।