-इंस्पायर अवार्ड योजना में नहीं इंट्रेस्ट दिखा रहे स्कूल

-30 सितंबर तक इसमें पार्टिसिपेट करने की लास्ट डेट

-अभी तक केवल 28 बच्चों का पोर्टल पर हुआ रजिस्ट्रेशन

GORAKHPUR: बच्चों के अंदर साइंटिस्ट बनने की सोच विकसित हो इसके लिए माध्यमिक स्कूलों में राष्ट्रीय स्तर का कॉम्प्टीशन ऑर्गनाइज कराया जाता है। इस साल भी इंस्पायर अवार्ड मानक योजना कॉम्प्टीशन कराने के लिए बच्चों के रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन पोर्टल पर शुरू किया गया। लेकिन माध्यमिक स्कूलों ने इस कॉम्प्टीशन में जरा भी इंट्रेस्ट नहीं दिखाया। 30 सितंबर इस कॉम्प्टीशन में पार्टिसिपेट करने की लास्ट डेट है। अभी तक केवल 68 स्टूडेंट का पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हो पाया है। जबकि गोरखपुर में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर कुल 600 से अधिक स्कूल हैं।

डीआईओएस ने भेजा वार्निग लेटर

जिला विद्यालय निरीक्षक ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह भदौरिया ने स्कूलों की इस लापरवाही पर चिंता जाहिर की है। सभी सरकारी और प्राइवेट और स्कूलों को वार्निग लेटर जारी करते हुए कम से कम पांच स्टूडेंट का रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया है।

6 से 10 वीं क्लास के लिए कॉम्प्टीशन

6 से 10 वीं क्लास तक के स्टूडेंट के अंदर सांइस की सोच विकसित करने, साइंस रिलेटेड रोजगार चुनने के अवसर अवेलबल कराने के साथ ही साइंस संबंधी रिसर्च के लिए साइंस व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वाधान में इंस्पायर योजना कॉम्प्टीशन ऑर्गनाइज कराया जाता है। देशभर में इस कॉम्प्टीशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाता है। सेलेक्टेड स्टूडेंट को इस कॉम्प्टीशन में दस-दस हजार का पुरस्कार दिया जाता है। जबकि विनर को विदेश यात्रा पर भी भेजा जाता है।

तीन महीने में केवल 68 रजिस्ट्रेशन

इंस्पायर अवार्ड योजना 2020-21 के लिए 1 जून से ही आवेदन शुरू हुआ। हैरान करने वाली बात है कि इन 3 महीनों में केवल 68 स्टूडेंट ने ही कॉम्प्टीशन में अपना इंट्रेस्ट दिखाया। इसको देखते हुए डीआईओएस ने सभी स्कूलों को वार्निग भी दी है। स्कूलों को पांच-पांच स्टूडेंट अनिवार्य रूप से रजिस्टर्ड कराना है। 29 सितंबर तक जो बच्चों का स्कोर आया है उसके हिसाब से अब बहुत ही मुश्किल है कि सभी स्कूल के बच्चे इसमें पार्टिसिपेट कर पाए। स्कूल प्रिंसिपल की मानें तो कोरोना की वजह से स्टूडेंट स्कूल नहीं आ रहे हैं। इस वजह से उनसे ताल मेल नहीं हो पा रहा है।

वर्जन-

सभी स्कूलों को पांच-पांच स्टूडेंट अनिवार्य रूप से इस कॉम्प्टीशन में रजिस्टर्ड कराने हैं। इसके लिए स्कूलों को लेटर भी भेजा गया है। अन्य जिलों से गोरखपुर में बच्चों की संख्या बहुत अधिक है।

ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआईओएस