गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने पांच वर्ष बाद रैंकिंग के लिए आवेदन किया है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी की ओर से लगातार तीसरे वर्ष आवेदन किया है। दोनों ही यूनिवर्सिटीों ने इस उम्मीद के साथ पूरी दमदारी से दावेदारी की है कि उन्हें देश के टाप 100 उच्च शिक्षा संस्थानों में स्थान मिले।

पहले साल 2017 में किया था आवेदन

गोरखपुर यूनिवर्सिटी की बात करें तो इससे पहले एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए 2017 में आवेदन किया गया था। हालांकि उस समय यूनिवर्सिटी को टाप 200 में स्थान बनाने में तो सफलता मिल गई थी लेकिन टाप 100 में आने का अरमान अधूरा रह गया था। उसके बाद तैयारियां तो खूब हुई लेकिन आवेदन की स्थिति नहीं बन सकी, रैंकिंग तो दूर की बात है। पिछले प्रयास से सबक लेते हुए यूनिवर्सिटी ने इस बाद आवेदन के दौरान परिसर की खूबियों को बेहतर ढंग से प्रस्तुत किया है। एनआईआरएफ की ओर निर्धारित सभी पांच मापदंडों पर खरा उतरने की कोशिश यूनिवर्सिटी की ओर से की गई है। यूनिवर्सिटी को दो वर्ष पहले एनआईआरएफ रैंकिंग में 183 रैंक मिली थी। बीते वर्ष रैंकिंग की अधिकतम सीमा 200 में भी स्थान नहीं मिल सका था। पीयर परसेप्शन यानी लोगों की धारणा के मापदंड पर बीते दो वर्ष से यूनिवर्सिटी एनआइआरएएफ के मानक पर खरा उतर नहीं पा रहा था, ऐसे में इस बार इस मापदंड पर विशेष फोकस किया गया है। यूनिवर्सिटी के आइक्यूएसी (इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल) निदेशक प्रो। वीके गिरी यूनिवर्सिटी इस बार सभी मापदंडों पर खरा उतर रहा है, ऐसे में टाप 100 में आने की उम्मीद है।

शिक्षक व छात्र अनुपात को छोड़कर यूनिवर्सिटी एनआईआरएफ के हर मानकर पर इस बार खरा उतर रहा है। ऐसे में हमें विश्वास है कि यूनिवर्सिटी देश के टाप 100 उच्च शिक्षण संस्थानों में अपना नाम जरूर दर्ज कराएगा। एनआईआरएफ की ओर से हो रही हर पूछताछ का जवाब दिया जा रहा है।

प्रो। राजेश सिंह, वीसी, गोरखपुर यूनिवर्सिटी

एनआईआरएफ रैंकिंग में बेहतर रैंक हासिल करने के लिए इस बार हर संभव कोशिश की गई है। हर मापदंड पर पूरी गंभीरता से कार्य किया गया है। पिछली बार जिन कमियों की वजह से बेहतर रैंक नहीं मिल सकी थी, उन्हें भी दूर किया गया है। सापेक्षिक रूप से बेहतर सफलता की पूरी उम्मीद है।

प्रो। जेपी पांडेय, वीसी, एमएमएमयूटी