- यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी को जारी किए थे दिशा निर्देश, यूनिवर्सिटी ने की पहल

- बीएड मामले में सामने आया था कई फर्जीवाड़ा

- यूनिवर्सिटी ने अपने लेवल पर भी किए हैं कई चैलेंज

GORAKHPUR: मार्कशीट की टेंपरिंग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। खुद गोरखपुर यूनिवर्सिटी में आए दिन जांच के लिए मार्कशीट और डिग्रियां पहुंच रही हैं, जिसे वेरिफिकेशन के बाद लोगों के पास पहुंचा जा रहा है। इन सबके बीच अब इसे कैसे रोका जाए इसको लेकर कई दिनों से मंथन चल रहा था, जिसके बाद यूजीसी ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सभी यूनिवर्सिटीज को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए। इसके तहत उन्हें मार्कशीट को इस तरह डिजाइन करना है, जिससे कि असली और नकली की आसानी से पहचान हो जाए और जॉब या एडमिशन के लिए किसी गलत व्यक्ति का सेलेक्शन न हो जाए। इसके लिए सभी यूनिवर्सिटी को सर्कुलर भेजा जा चुका है। इसको ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सिटी ने मार्कशीट में कुछ सिक्योरिटी फीचर्स एड किए हैं, जिसके बाद अब असल और नकल की पहचान सिर्फ यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार ही कर पाएंगे, इससे जहां फेक मार्कशीट पर लगाम लगेगी, वहीं स्टूडेंट्स को भी वेरिफिकेशन की टेंशन नहीं रहेगी।

मार्कशीट और सर्टिफिकेट पर स्टूडेंट की फोटोग्राफ

यूनिवर्सिटीज की मार्कशीट में अब तक सिक्योरिटी के नाम पर कुछ प्वाइंट्स का ही इस्तेमाल किया जाता है, जिसे सिर्फ यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार ही पहचान सकते हैं। मगर दूसरी जगह भी आसानी से इसकी पहचान हो सके और टेंपरिंग भी न हो, इसके लिए यूजीसी ने सभी को गाइडलाइंस जारी की है। इसके तहत यूनिवर्सिटीज को मार्कशीट पर अब हाईस्कूल और इंटर की तर्ज पर स्टूडेंट्स की फोटोग्राफ होगी। वहीं डिग्री और सुरक्षित रखा जा सके, इसके लिए उन्हें यूनिवर्सिटी का होलोग्राम और क्यूआर कोड भी मार्कशीट के सिक्योरिटी मेजर्स में एड कराए हैं। जिससे फर्जीवाड़े पर लगाम लगाई जा सके।

यूनिवर्सिटी में पहले से है व्यवस्था

गोरखपुर यूनिवर्सिटी की बात करें तो मार्कशीट के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए यहां पहले से कई व्यवस्था मौजूद हैं। जहां यूनिवर्सिटी की मार्कशीट का कागज ही अपने आप में अलग और सिक्योरिटी फीचर्स से भरा हुआ है। वहीं बार कोड और यूनीक आईडी भी यूनिवर्सिटी की मार्कशीट को अलग लाइन में लाकर खड़ा करती है। इन सबके बीच अब नए फीचर्स जुड़ जाने से मार्कशीट और डिग्री काफी सिक्योर हो जाएगी, जिससे फर्जीवाड़े की संभावना को काफी हद तक खत्म किया जा सकेगा।

कुछ नए अमेंडमेंट्स की तैयारी

यूनिवर्सिटी में जहां पहले से ही कई सिक्योरिटी फीचर्स हैं, वहीं अब यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार लगातार आ रही जांच से परेशान होकर कुछ नए अमेंडमेंट्स की तैयारियों में जुट गए हैं। इन अमेंडमेंट्स के बाद सिर्फ यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग के लोग ही असली और नकली की पहचान कर सकेंगे। इसे फिलहाल सिक्योरिटी रीजंस की वजह से डिसक्लोज नहीं किया गया है, जिससे कि सिर्फ वेरिफिकेशन के बाद ही इसकी प्रमाणिकता चेक की जा सके और अगर कोई फर्जीवाड़ा कर रहा है, तो उसे पकड़ा जा सके।

मार्कशीट में पहले से सिक्योरिटी मेजर्स अपनाए जा रहे हैं। यूजीसी का अगर निर्देश है, तो उसके हिसाब से इसे और सिक्योर किया गया है। कुलपति के निर्देश के बाद अब इसमें स्टूडेंट्स की फोटो भी लगाई जाएगी।

- डॉ। अमरेंद्र कुमार सिंह, एग्जामिनेशन कंट्रोलर, गोरखपुर यूनिवर्सिटी