-दस हजार श्रद्धालुओं ने सीखा ध्यान लगाना

-डेढ़ घंटे तक मंच से श्री श्री रविंशंकर ने भक्तों को सुनाया भजन व प्रवचन

-भजन सुन झूमने लगे श्रद्धालु

GORAKHPUR:

सैय्यद मोदी रेलवे स्टेडियम में 16 साल बाद पहुंचे अध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर का भक्तों ने खुले दिल से स्वागत किया। गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद 7.30 बजे कार्यक्रम स्थल पहुंचे श्री श्री रविशंकर ने मंच पर वॉक करते हुए हाथ हिलाकार सभी भक्तों का अभिवादन स्वीकार किया। श्रद्धालुओं ने उन पर फूलों की बरसात की।

कार्यक्रम की शुरुआत आर्ट ऑफ लिविंग संस्था की ओर संचालित विभिन्न संस्थानों के परिचय के साथ किया गया। इसी बीच श्री श्री ज्ञान मंदिर राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय नौगढ़ चंदौली के बच्चों ने मोरया रे गणपति मोरया रे और त्रिमूर्ति नाट्य प्रस्तुति जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इसके बाद आर्ट ऑफ लिविंग की गोरखपुर इकाई के सदस्यों ने पगड़ी पहनाकर, पुष्प गुच्छ देकर व माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया।

भक्तों से रूबरू होते हुए श्री श्री रविशंकर ने पहले आंखें बंद कर 11 बार सभी को ओम का उच्चारण करवाया, इस बीच उन्होंने ओम के अध्यात्मिक महत्व के बारे में भी समझाया। नशा और हिंसा मुक्त उत्तर प्रदेश बनाने के अपील करते हुए उन्होंने कहा कि नशा बेहोश करता है और ध्यान होश में लाता है। जो युवा नशा नहीं छोड़ पाते हैं वो हमारे पास आएं हम उन्हें सत्संग और साधना का नशा देंगे जो उन्हें अध्यात्मिक तौर पर उन्नत करेगा। उन्होंने युवाओं से शादी में दहेज न लेने की अपील की और परिजनों से भी आग्रह किया दहेज प्रथा को ही समाप्त किया जाए।

दिया सवालों का जवाब

प्रवचन और भजन के बाद श्री श्री रविशंकर ने श्रद्धालुओं के सवालों के जवाब दिए। सवालों में पारिवारिक, व्यक्तिगत, सामाजिक व अध्यात्मिक शामिल थे। पारिवारिक रिश्तों में संतुलन बनाने के उपाय देते हुए उन्होंने बताया कि पारिवारिक सदस्यों के बीच विरोधाभास हल करने के लिए हमें एक-दूसरे को समझना होगा और पूरे परिवार के हित को केन्द्र में रखना होगा। जीवन में सफल होने के लिए उन्होंने चार मंत्र युक्ति, भक्ति, मुक्ति व शक्ति को बताया। 20 मिनट के समय में उन्होंने एक दर्जन से अधिक सवालों के जवाब दिए।

भारत का भविष्य बनाएंगे

एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हम लोग घर बैठ कर भारत के भविष्य के बारे में चिंतित होने वाले लोग नहीं। हम भारत के भविष्य को बनाने वाले लोग हैं। उन्होंने भक्तों से दक्षिणा के रूप में उनका क्रोध और चिंताएं मांगी और कहा कि यदि ऐसा नहीं हो सका तो मेरा आना बेकार हो जाएगा।

भजन सुनकर झुमने लगे भक्त

प्रवचन के दौरान ही उन्होंने भजन सुनने आदेश दिया। तो कलाकारों ने सद्गुरू तुम्हारे प्यार ने जीना सीखा दिया गाना पेश किया। जिस पर मंच के आगे खड़े होकर श्रद्धालु झूमने लगे। पहले कुछ से शुरू होकर झूमने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दो दर्जन से अधिक हो गई।