- लॉकडाउन में बढ़ गई फुल साइज कैरम की डिमांड

- स्पो‌र्ट्स शॉप्स बंदहोने पर भी लोग लगा रहे जुगाड़, फैंिमली के साथ खेल पुराने दिन कर रहे याद

GORAKHPUR: पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना को रोकने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन लगाया तो एक बार फिर से कैरम का दौर लौटकर आ गया। कैरम भी छोटा नहीं 36 इंच के फुल साइज के कैरम की लॉकडाउन पीरियड में खूब डिमांड देखने को मिली। हालांकि स्पो‌र्ट्स शॉप का भी लॉकडाउन में शटर डाउन था लेकिन जैसे-तैसे जुगाड़ बनाकर लोग बड़ा कैरम घर ले आए। इस समय गोरखपुर में अधिकतर फैमिलीज कैरम खेलकर अपने पुराने दिनों को याद कर रही हैं। वहीं जो लोग खेलना भूल गए थे वे एक बार फिर से फॉर्म में आ चुके हैं।

दिन कैसे गुजर जाता पता ही नहीं चलता

शास्त्रीनगर निवासी अरविंद पांडेय ने बताया कि 1985 के दौर में खूब कैरम खेला करता था। हम लोग रात में एक कमरे में टेबल पर कैरम रखकर उसके ऊपर बल्ब लटकाकर चारों तरफ छोटे स्टूल लगाकर बैठ जाया करते थे। अधिकतर हम लोग गर्मी की छुट्टियों में ऐसा करते थे। एक बार कैरम जो शुरू हो गया तब कब शाम हुई और कब रात हुई इसका पता ही नहीं चलता था। पैरेंट्स से भी पिटने की नौबत आ जाती थी। लेकिन यकिन मानिए गर्मी की लू में घर में बैठकर इससे अच्छा कोई गेम नहीं हो सकता है। आजकल कुछ घरों में कैरम देखने को भी मिलता है तो उसका साइज इतना छोटा होता है कि देखकर ही खेलने की इच्छा नहीं होती है। मैंने सबसे बड़ा वाला कैरम लाया है जिसपर डेली एक डिब्बा पाउडर खर्च हो जा रहा है।

फॉर्म में लौटे तो दे रहे चैलेंज

आरपीएम एकेडमी के डायरेक्टर अजय शाही ने बताया कि मैं बहुत अच्छा कैरम खेलता था। जब मैं बैठता था तो कुछ ही मिनटों में सारी गोटियां गायब कर देता था। पहले मैं डेली कैरम खेलता था लेकिन भागदौड़ में छूट गया। लॉकडाउन के बाद एक बार फिर पुराने दिनों की याद ताजा हो रही हैं। मैंने 36 इंच वाला कैरम लाया है। शुरू-शुरू में दो या तीन दिन खेलने में दिक्कत हुई। इस समय मैं फिर से अपने पुराने दोस्तों को कैरम खेलते हुए वीडियो भेजकर चैलेंज दे रहा हूं। मैं उनसे शर्त लगा रहा हूं कि वे मुझको हराकर दिखाएं। इस समय में एक बार फिर अपने पुराने फॉर्म में लौट आया हूं।

फिर से जिंदा हो गया खिलाड़ी

राप्तीनगर कॉलोनी के राघवेन्द्र बताते हैं कि मैं लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही वर्क फ्रॉम होम कर रहा हूं। बच्चे दिनभर कैरम खेलते रहते हैं। घर पर रहने की वजह से बच्चों ने मुझे भी कई बार खेलने के लिए बैठा दिए। दो तीन बार बच्चों ने मुझे हराया और मेरा खूब मजाक उड़ाया। जबकि मैं अपने समय में बहुत अच्छा कैरम खेला करता था। पुराने दिनों को यादकर इधर लगातार वाइफ -बच्चों के साथ खेलना शुरू किया तो मरा हुआ खिलाड़ी फिर से जिंदा हो गया। अब डेली बच्चों को और वाइफ को अपने खेल से चौंका रहा हूं।

दुकान बंद फिर भी आ रही डिमांड

नाम ना छापने की शर्त पर एक दुकानदार ने बताया कि इस समय शॉप बंद है। लेकिन इसके बाद भी डेली कॉल आती रहती है। सभी लोग एक ही बात कहते हैं कि बड़े वाले कैरम मिल जाएंगे। कुछ लोगों को घर से कैरम दिया भी। जबकि पहले कैरम की इतनी पूछ नहीं होती थी। इसलिए शॉप पर कम घर पर ही कैरम रखा रहता है। तभी से कई कैरम जो घर पर रखे थे वो भी लॉकडाउन में निकल गए।