गोरखपुर (ब्यूरो).आकाशवाणी में काम करने वाले कर्मचारियों की मानें तो दफ्तर सबसे ज्यादा परेशानी लाल बंदरों की वजह से हो रही है। वहां पहुंचने वाले कई लोगों को वह काट चुके हैं। दो माह पहले ट्रांसमीटर के तकनीकी स्टाफ को तो बंदरों के एक झुंड ने हमला कर काटा था। अब भी वह शांत नहीं हंै और आए दिन लोगों पर हमलावर हो जाते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि इन बंदरों से निगम के लोग भी त्रस्त हैं, लेकिन इसके बाद भी वह इनपर काबू पाने में नाकाम हैं।

आवारा कुत्ते भी कम नहीं

एंप्लाइज की मानें तो इन बंदरों के साथ ही हमारे परिसर में दर्जनों आवारा कुत्ते भी रहते हैं। ऑफिस की बाउंड्री नगर निगम की नई बिल्डिंग बनने के दौरान हुई खुदाई से गिर गई, यह कुत्ते उधर से ही आकाशवाणी कैंपस में घुस आते हैं। इनके बहुत सारे छोटे बच्चे भी हैं, जिनकी सुरक्षा को लेकर ये कुत्ते भी अक्सर काटने को दौड़ पड़ते हैं। इस मामले में भी नगर निगम शिकायत के बाद भी कुछ नहीं कर पाया है। कुल मिलाकर नगर निगम और आकाशवाणी परिसर में बंदरों और कुत्तों का भयंकर आतंक है और इनसे बड़े पैमाने पर निपटने की जरूरत है।

छह माह में पकड़े 260 पशु

आवारा पशुओं पर लगाम कसने में नगर निगम के योगदान की बात की जाए तो दिसबंर 2021 से 12 मई 2022 तक इन्होंने महज 260 अवारा पशुओं को ही पकड़ा है। इनके अलावा भी पालतु जानवर भी पकड़े गए, जिन्हें जुर्माना लेकर छोड़ दिया गया। कान्हा उपवन में 560 जानवरों को रखने की क्षमता है। जबकि यहां पर इस समय 1387 जानवरों को रखा गया है। जिसकी वजह से यह सांड के खिलाफ अभियान चलाने से कतरा रहे हैं। वहीं दूसरे जानवरों को कहां रखा जाएगा, इसके लिए उनके पास कोई ऑप्शन नहीं हैं।

इस तरह पकड़े गए जानवर

दिसंबर - 60

जनवरी - 50

फरवरी - 70

मार्च - 65

अप्रैल - 55

मई- 20

ये आकड़े लगभग में हैं।

इन नंबर पर करें कंप्लेन

प्रभारी डीके पांडेय ने बताया कि कान्हा उपवन में दोगुनी संख्या में जानवर रखे गए हैं। इसके बाद भी लगातार कम्प्लेन आ रही है। ऐसे में वहां पर कैटल कैचिंग दस्ता को भेजना पड़ता है। इस समय भी डेली दो आवारा पशु यहां पर पकड़ कर आ रहे हैं। अगर आपके आसपास भी कोई आवारा पशु लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है तो इसके लिए 8810709376 पर कंप्लेन करें, जिससे निगम उन्हें मोहल्ले से दूर कर सके।

शिफ्ट किए जाएंगे जानवर

कान्हा उपवन इंचार्ज शशिकांत भारद्वाज ने बताया कि यहां से जानवरों को अलग-अलग ब्लॉकों में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए डीएम को एक लेटर लिखा गया है। मेयर ने भी इस मामले का संज्ञान में लेकर बातचीत शुरू कर दी है। बहुत जल्द जानवर यहां से शिफ्ट किए जाएंगे। इससे यहां का लोड कम होगा। तब आवारा पशुओं को पकडऩे के अभियान में भी तेजी आएगी।

जानवर अधिक हो गए हैं। इसके बाद भी कम्प्लेन आती है तो फौरन कैटल कैचिंग दस्ता को भेजा जाता है। कान्हा उपवन में इस समय भी डेली दो से तीन जानवर आ रहे हैं।

- डीके पांडेय, प्रभारी