- कई जगह हुआ जल भराव, काफी मुश्किल से निकला पानी

- निगम को लगाने पड़े पंप, बशारतपुर में रही मुश्किल

GORAKHPUR: मौसम में बदलाव का असर शहर की सड़कों पर साफ नजर आया। शहर की सड़कें जहां पानी से लबा-लब भरी नजर आई, तो वहीं गली मोहल्लों भी पानी में डूबे हुए मिले। सोमवार देर रात शुरू हुई बारिश का सिलसिला पूरी रात जारी रहा, तो सुबह से दोपहर तक जिम्मेदार उस पानी की निकासी व्यवस्था करते हुए नजर आए। कलेक्ट्रेट, जिला अस्पताल जैसी जगहों पर भी वॉटर लॉगिंग हो गई, तो पुलिस लाइंस में भी सिपाहियों को जलभराव की मुसीबत का सामना करना पड़ा। अभी तो यह मानसून का ट्रेलर भर था, जिसमें निगम के जिम्मेदार पूरी तरह से नाकाम नजर आए हैं, अब मानसूनी बारिश उनके लिए बड़ा चैलेंज है, जिसके बाद उन्हें मोहल्लों को पानी से बचाने के लिए जरूरी इंतजाम करने होंगे।

मोहल्ले वाले घरों में हुए कैद

मौसम की पहली बारिश में ही लोगों को घरों में कैद होना पड़ा निचले इलाकों में जहां जबरदस्त वॉटर लॉगिंग हुई, तो वहीं यहां से पानी निकलने में घंटों वक्त लग गया। कुछ एरिया में जहां पानी नहीं निकल पा रहा था, वहां निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर सफाई करानी पड़ी, जिसके बाद जाकर लोगों को राहत मिल सकी। जिन मोहल्लों में वॉटर लॉगिंग थी, वहां लोगों को घरों में ही कैद होना पड़ गया। पानी निकलने के बाद मोहल्ले इस कदर कीचड़ से भर गए कि लोग बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाएं। जिन्हें मजबूरी थी, वह पूरे इंतजाम के साथ बाहर निकले।

बशारतपुर में रही आफत

बशारतपुर की बात करें तो यहां पर सड़क से ऊंचा नाला बनने से लोगों को जबरदस्त मशक्कत करनी पड़ी। यहां पर निगम की ओर से लगाए पंप से दोपहर तक पानी निकाला जाता रहा। वहीं आसपास के मोहल्लों में रहने वाले लोगों को वहां से निकलने के लिए वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करना पड़ा। वहीं एचएन सिंह चौक से थोड़ा पहले नाले के बगल में स्पेस ज्यादा होने की वजह से वहां पानी भर गया, यहां गढ्डे को भरने के लिए जिम्मेदारों ने क्रेन की मदद से गिट्टी डाली और किसी तरह पानी सुखाया। पूरा रास्ता में कीचड़ फैल गया और आने-जाने वाले लोगों को दुश्वारी का सामना करना पड़ा।

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निगम की टीम करती रही सफाई

मानसून की पहली बारिश में निगम की टीम दिन भर सफाई करती रही। जहां कार्मल स्कूल के मोड़ पर नाले में जमा पॉलीथिन निकाली गई, वहीं शहर के लाल डिग्गी, इलाहीबाग, बहरामपुर, बसंतपुर, निजामपुर जैसे मोहल्लों में भी निगम की टीम नाले की सफाई कर पानी बहाने की व्यवस्था करती रही। वहां के मुकामी लोगों का कहना है कि अगर यही काम नगर निगम ने टाइमली कर लिया होता तो वॉटर लॉगिंग होती भी तो वहां से पानी जल्दी निकल जाता और लोगों को काफी देर तक मुसीबत नहीं झेलनी पड़ती।