- डीएम ने सिटी को जलभराव मुक्त करने 3 दिन में मांगा वर्कप्लान

- तीन पार्षदों की कमेटी भी गठित

GORAKHPUR: जलभराव से गोरखपुर की किरकिरी होने पर डीएम विजय किरन आनंद ने अलर्टनेस दिखाई है। 45 दिन से जलभराव से जूझ रहे गोरखपुराइट्स को राहत देने के लिए डीएम ने पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए तीन दिनों के अंदर कार्ययोजना तैयार करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने असुरन से लेकर खंजाची चौराहे तक जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए 3 स्थानीय पार्षदों की कमेटी भी गठित कर दी। बता दें, सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों बैठक कर अधिकारियों से कहा था कि दूसरे जिलों से पंपिंग सेट मंगाकर मोहल्लों से बारिश का पानी निकालें।

जलभराव वाले इलाकों में पहुंचे अफसर

बारिश और बाढ़ के पानी से शहर भर के 200 से अधिक मोहल्ले अभी भी पूरी तरह जलमग्न हैं। ऐसे में रविवार रात से डीएम जलभराव वाले इलाकों का निरीक्षण कर रहे हैं। सोमवार की सुबह डीएम ने बहरामपुर आदि निचले इलाकों का दौरा करने के साथ ही मेडिकल रोड स्थित बशारतपुर इलाके का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों और पार्षदों से बातचीत भी की। जिसमें डीएम ने खुद तीन प्वाइंट ऐसे चिन्हित किए, जिससे जल निकासी में समस्या खड़ी हो रही है। मेडिकल रोड स्थित एप्पल बेकर्स, पासपोर्ट दफ्तर और पत्रकारपुरम के पास नालों के गलत निर्माण से जलजमाव की समस्या है।

मेयर ने दिया आश्वासन

इसके बाद उन्होंने नगर निगम स्थित मेयर कार्यालय पर मेयर सीताराम जाययसवाल की अध्यक्षता में राज्यसभा सांसद जयप्रकाश निषाद, ग्रामीण विधायक विपिन सिंह, नगर आयुक्त अविनाश सिंह, नगर निगम के उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा, जलभराव ग्रस्त क्षेत्र के पार्षद रणविजय सिंह जुगनू, पार्षद आलोक सिंह बिसेन संग बैठक कर समीक्षा की। मेयर ने कहा, भविष्य में जलभराव की समस्या से आम जनमानस को कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े। इसलिए प्रत्येक बिंदुओं पर विचार करते हुए कार्य योजना तैयार की जाएगी। बंधे के किनारे जलभराव वाले जो भी क्षेत्र हैं, वहां के समाधान के लिए रेगुलेटर पर लगे वषरें पुराने पंपिंग सेट को भी बदलने की कवायद शुरू कर दी गई है।

पार्षदों ने भी रखी राय

उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा एवं पार्षद रणविजय सिंह जुगनू ने सी एंड डीएस द्वारा विगत 8 वषरें से सिंघडि़या से तुर्रा नाला की ओर मिलाए जाने वाले निर्माणाधीन नाले को पूरा करने की बात कही। साथ ही सी एंड डीएस (कार्यदायी संस्था) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। डीएम ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से कहा, नाला दुरुस्त कराना हो या फिर नालों का नया निर्माण कराना है, जो भी करना है उसकी कार्ययोजना तीन दिनों के अंदर तैयार की जाए, अन्यथा अधिकारी कार्रवाई को तैयार रहें।