- डीजीपी हेड क्वार्टर से जारी हुई गाइडलाइन, स्पेशल टीम को दी गई जिम्मेदारी, महंगी पड़ेगी शरारत

GORAKHPUR:

इलेक्शन ईयर और अनलॉक होते मार्केट में धार्मिक उन्माद फैलाने वालों पर सरकार ने नजरें तेज कर दी हैं। अराजक तत्व माहौल न बिगाड़ पाएं। इसे देखते हुए यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया की निगरानी के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। प्रभारी एसएसपी सोनम कुमार ने बताया, डीजीपी हेडक्वार्टर के निर्देशानुसार कार्रवाई की जा रही है। किसी तरह की शिकायत मिलने पर तत्काल एक्शन लिया जाएगा। सोशल मीडिया टीम को एक्टिव कर दिया गया है।

राउंड द क्लॉक मॉनीटरिंग के निर्देश, एक्शन में टीम

मोहर्रम के मौके पर असामाजिक तत्व माहौल खराब कर सकते हैं। आपराधिक और अवांछनीय तत्व दोनों संप्रदायों में कटुता और अविश्वास का लाभ उठाकर किसी भी घटना के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द्र को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए हर छोटी घटना पर नजर रखने का निर्देश है। साथ ही पुराने मामलों की लिस्ट तैयार करने, प्रभावित एरिया में पुलिस का मूवमेंट बढ़ाने सहित अन्य निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया की राउंड द क्लॉक मॉनीटंिरंग करने को भी कहा गया है। सोशल मीडिया के फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिवटर और व्हाट्सएप ग्रुप में किसी तरह की आपत्तिजनक पोस्ट प्रसारित होने पर ब्लॉक करने के साथ-साथ संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

ऐसे मामलों में पुलिस कर सकती है कार्रवाई

- सोशल मीडिया के वाट्सएप ग्रुप पर पुलिस की नजर रहेगी। मैसेज वायरल होने पर संबंधित एडमिन जिम्मेदार होंगे।

- कोई भी ऐसा संदेश पोस्ट न करें जिससे किसी की भावनाएं आहत हों। धर्म-समुदाय की भावनाएं आहत न हों।

- फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप और यू-ट्यूब समेत किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल अफवाहों से बचें।

- ऐसी अफवाहों को शेयर या रीट्विट करने से बचें, कोई आपत्तिजनक पोस्ट न करें।

- सोशल नेटवर्किग साइट में मित्र समूह, वीडियो या पेज लाइक, सब्सक्राइब या फॉलो करने में सावधानी बरतें।

- किसी वीडियो चैनल पर तनाव उत्पन्न करने वाले वीडियो या फोटो अपलोड या डाउनलोड, शेयर न करें।

इन बातों का ध्यान दें ग्रुप एडमिन

- सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के लिए ग्रुप एडमिन को जिम्मेदार माना जाता है।

- इसलिए ग्रुप एडमिन वही बने जो उस ग्रुप के लिए पूर्ण जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व का निर्वहन करे।

- अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एडमिन का पूर्णतया परिचित होना अनिवार्य है।

- ग्रुप के किसी सदस्य के फैलाए गए अफवाह को लेकर ग्रुप एडमिन तत्काल खंडन करें।

- इस तरह की हरकत करने वाले सदस्यों को अपने ग्रुप से हटाना भी सुनिश्चित करें।

त्योहारों को देखते हुए सोशल मीडिया की निगरानी की जा रही है। सभी से अनुरोध किया गया है कि सोशल मीडिया पर किसी तरह की अफवाह से बचें। धार्मिक उन्माद और सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाली किसी पोस्ट को लाइक और री-टवीट न करें।

सोनम कुमार, प्रभारी एसएसपी