गोरखपुर (ब्यूरो)। प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग निर्देशित किया था कि इसी आधार पर कानूनी सलाह ली जाए। प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने कानूनी सलाह लेते हुए अस्पताल को खुलवा दिया है। वहीं, दूसरी ओर ड्रग विभाग को दूसरी बार जांच के लिए बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी और ओरल पोलियो वैक्सीन का वायल भी नहीं मिला था, जिसकी वजह से वैक्सीन की भी जांच नहीं हो सकी है। इसके अलावा तीनोंं नवजातों का पोस्टमॉर्टम भी कराया गया था, जिसमें मौत का कारण न पता चलने की वजह से बिसरा भी सुरक्षित रखा गया है। अब तक बिसरा जांच की रिपोर्ट भी नहीं आ सकी है।

मामले में जांच कराई गई थी। जांच में अस्पताल का कोई दोष नहीं मिला है। इसी के आधार पर कानूनी सलाह ली गई, जिसके बाद अस्पताल को खुलवा दिया गया है।

डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ

हॉस्पिटल में मरीजों की ईमानदार से सेवा की जाती है। हॉस्पिटल की इसमें कोई गलती नहीं थी। यह एक एक्सीडेंट था। हेल्थ डिपार्टमेंट ने पूरे प्रकरण की जांच की। जांच में दोष सिद्ध नहीं पाया गया है। इसलिए विभाग की ओर से क्लीन चिट मिली है। अस्पताल खोल दिया गया है। हमेें सरकारी जांच पर पूरा भरोसा था।

- डॉ। डीके गुप्ता, प्रबंधक हॉस्पिटल