- महारजगंज में चीन से लौटे मेडिकल स्टूडेंट में मिले सिंप्टम के बाद हेल्थ महकमा अलर्ट

- नेशनल वायरोलॉजी सेंटर भेजा गया कोरोनावायरस सस्पेक्टेड केस का सैंपल

- चीन में रहकर कर रहा था पढ़ाई, नेपाल में भी हुई है एक मौत

- नेपाल के रास्ते आने वाले लोगों के साथ ही एयरपोर्ट पर बढ़ी निगरानी

GORAKHPUR: विदेश से आने वाले सभी मुसाफिर गोरखपुर की सरजमीं पर आने के बाद एक हफ्ते तक निगरानी में रहेंगे। स्वास्थ्य विभाग उनकी खबर रखेगा और अगर उनमें इस बीच खांसी, जुकाम, बुखार जैसे सिंप्टम्स मिलते हैं, तो उनके सैंपल कलेक्ट कर नेशनल वायरोलॉजी सेंटर भेजा जाएगा। चाइना में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस की दहशत बढ़ने के बाद गोरखपुर में हाईअलर्ट कर दिया गया है। स्वास्थ्य महकमे ने एब्रॉड से आने वाले सभी पैसेंजर्स की निगरनी के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी से बातचीत की है और निगरानी के लिए पैसेंजर्स की डीटेल्स मांगी है।

आईसोलेशन वार्ड बना, सैंपल किट तैयार

गोरखपुर हेल्थ महकमा भी कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए तैयारियों में जुट गया है। जहां मंगलवार से एयरपोर्ट पर वायरस से जुड़ी इंफॉर्मेशन डिस्प्ले की जाएगी, वहीं उससे कैसे बचें और डू एंड डोंट्स भी पैसेंजर्स को बताए जाएंगे। इसके साथ ही बीआरडी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और जिला महिला अस्पताल में भी हाई अलर्ट करते हुए अलग से आईसोलेशन वार्ड बना दिए गए हैं। जहां जांच के लिए खास किट तैयार रखा गया है। यहां आने वाले पेशेंट्स को कंजर्वेटिव ट्रीटमेंट दिया जाएगा, जिससे कि बीमारी फैल न पाए। वहीं फिलहाल सस्पेक्टेड के लिए दवाइयों को भी स्टॉक किया गया है।

चाइना में वायरस, गोरखपुर में दहशत

चीन में कोरोना वायरस का कहर अब गोरखपुर में लोगों की परेशानी बढ़ाने लगा है। चीन में रहकर पढ़ाई कर रहे महराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर निवासी एक मेडिकल छात्र के घर वापस आने की सूचना पर शनिवार की रात हेल्थ महकमा अलर्ट हो गया और वहीं महराजगंज के जिला अस्पताल में बने खास वार्ड में उसे भर्ती कराया गया। उसके सैंपल कलेक्ट कर सोमवार को जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं। वहां पेशेंट मिलने के बाद अब गोरखपुर स्वास्थ्य महकमा भी हरकत में आ गया है।

क्या है कोरोना वायरस?

कोरोना असल में वायरसों का एक बड़ा ग्रुप है, जो जानवरों में आम है। कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है। इसके इंफेक्शन से बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी प्रॉब्लम हो जाती हैं। यह न्यूमोनिया का कारण भी बन सकता है।

कैसे फैलता है?

- डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना वायरस जानवरों से ह्यूमनबींग में फैला है।

- माना जा रहा है कि 2019-सीओवी सीफूड यानि समुद्री जीव खाने से फैला था, लेकिन अब कोरोना वायरस पर्सन टू पर्सन फैल रहा है।

- यह कोरोना वायरस से इंफेक्टेड किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है।

- खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम की वजह बन सकता है।

- किसी इंफेक्टेड पर्सन के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का इंफेक्शन हो सकता है।

कोरोना वायरस के लक्षण

होम्योपैथी डॉक्टर रूप कुमार बनर्जी की मानें तो इस वायरस को लेकर अब तक की गई स्टडी में यह बात सामने आई है कि इससे मरने वालों की एवरेज एज 73 साल है।

- मरने वालों में सबसे उम्रदराज शख्स 89 साल का था, जबकि सबसे कम उम्र के लिहाज से 48 साल के व्यक्ति की मौत हुई है।

- कोरोना वायरस के लक्षणों में नाक बहना

- खांसी

- गले में खराश

- कभी-कभी सिरदर्द

- बुखार

- निमोनिया

- फेफड़ों में सूजन

- छींक आना

- आंख-नाक से पानी

- बराबर खांसी

- दमा की तरह सांस फूलना

- हाथों पैरों में अकड़न

क्या करें

- अपने हाथ साबुन और पानी से बार बार साफ करें।

- खांसते या छींकते वक्त अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से ढकें।

- जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचें।

- मांस, मछली और अंडों को अच्छे से पकाएं।

- सब्जी को खूब धो कर अच्छे से पकाएं।

- ज्यादा से ज्यादा विटामिन-सी संबंधित मौसमी फल खाएं।

क्या है इसका इलाज

डॉ। रूप कुमार बनर्जी की मानें तो इसका अभी तक कोई खास इलाज नहीं है। न तो कोरोना वायरस की अब तक कोई वैक्सीन बनी है और न ही 2019-एनसीओवी की। इससे बचने का यही तरीका है कि ऐहतियात बरतें। किसी बीमार, जुकाम, निमोनिया से ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। मास्क पहनें। अपनी आंखों, नाक और मुंह को न छुएं। हाथों को बार बार अच्छे से साबुन से धोएं। इसके अलावा होमियोपैथी में इनफ्लूएंजियम 10एम हर सप्ताह 2 बूंद जीभ पर 6 हफ्ते तक डालें। हरी सब्जी खूब साफ करके, ताजे मौसमी फल, संतरा, कीनू, माल्टा, कागजी नींबू, हरी मिर्च, सूखे मेवे, भारतीय शुद्ध घर के मसाले, ज्यादा से ज्यादा लें। हाईजीन को मेनटेन रखें।

कोरोना वायरस को लेकर गोरखपुर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी से बातचीत हुई है, एब्रॉड से आने वाले सभी पैसेंजर्स की निगरानी की जा रही है। एक हफ्ते तक स्वास्थ्य विभाग उनके टच में रहेगा। वहीं मंगलवार से अवेयरनेस प्रोग्राम भी चलाए जाएंगे।

- डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ