- कोरोना पॉजिटिव मिलने पर हॉस्पिटल नहीं जाना चाहते तमाम लोग

- हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम का नहीं करते सहयोग

GORAKHPUR: देखो साहब, कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट झूठी है। आप चाहे पुलिस बुलाओ या डीएम साहब को बुला लो लेकिन हम कोरोना वार्ड में नहीं जाएंगे। हम अपने कमरे में ही बंद रहेंगे। यह ड्रामा करीब दो घंटे तक सिटी के छोटेकाजीपुर मोहल्ले में चला। जहां एक व्यक्ति की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम पुलिस फोर्स के साथ बाकायदा पीपीई किट में पहुंच गई। मोहल्ले में सायरन बजाती पुलिस की गाड़ी व एंबुलेंस पहुंचते ही कोरोना संक्रमित ने ऐसा ड्रामा किया कि उसे ले जाने में पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम के पसीने छूट गए। काफी मशक्कत के बाद उसे रेलवे हॉस्पिटल के आईसोलेशन वार्ड में एडमिट किया जा सका। हेल्थ डिपार्टमेंट से जुड़े लोगों ने बताया कि तमाम जगह कोरोना केस मिलने पर संक्रमित हॉस्पिटल न जाने के लिए इस तरह का ड्रामा खड़ा कर देते हैं।

कमरा बंद कर शुरू कर देते हैं ड्रामा

हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम कोरोना संक्रमित को लेने जाती है तो उसके घर के बाकी सदस्यों के साथ-साथ कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में आए रिलेटिव्स को भी ट्रेस किया जाता है। लेकिन तमाम मामलों में कोरोना मरीज ही हेल्थ डिपार्टमेंट का सहयोग करने के बजाय खुद को घर में बंद कर टीम से उलझना शुरू कर देते हैं। ऐसी कंडीशन में मजबूरन पुलिस की मदद से उन्हें काबू करना पड़ता है।

'मेरा पति अपराधी नहीं है'

कमोवेश ऐसा ही ड्रामा सहजनवां के पाली ब्लॉक में मुंबई से लौटे परिवार ने खड़ा कर दिया। फैमिली में संक्रमित मिले पति को ले जाने पहुंची टीम से पत्नी झगड़ा करने पर आमदा हो गई। उसने कहा कि मेरा पति कोई अपराधी थोड़े ही है जो इतने दलबल के साथ आए हैं। जबकि हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने आश्वस्त किया कि पीपीई किट, मास्क व ग्लव्स पहनकर ही कोरोना संक्रमित को एंबुलेंस में बैठना है। साथ में पुलिस सिर्फ मदद के लिए रहती है। किसी तरह मशक्कत के बाद टीम कोरोना मरीज को ले आई। वहीं, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक कोरोना संक्रमित महिला से मिलने उसका पति सीधे कोरोना वार्ड में पहुंच गया। मना करने पर खुद को पत्रकार बताने लगा। हालांकि बाद में मामला किसी तरह शांत हुआ।

कोरोना संक्रमितों के लिए गाइड लाइन

- कोरोना जांच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर टीम का करें सहयोग।

- अपने परिवार की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ एंबुलेंस में बैठें।

- एंबुलेंस में बैठने से पहले जो भी आपके संपर्क में आए हों, उनके भी सैंपल देने में मदद करें ताकि स्प्रेड होने से बचाया जा सके।

- आईसोलेशन वार्ड में एडमिट होने के बाद प्रॉपर इलाज में सहयोग करें।

- इम्युनिटी मेंटेन करने व एक्सरसाइज पर ध्यान दें।

- खानपान को बेहतर करने के लिए फ्रूट्स, ड्राई फ्रूट्स और विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थो का सेवन करें।

वर्जन

हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम हो या पुलिस की टीम, कोरोना संक्रमितों को लाने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ती है। कुछ ऐसे पेशेंट्स मिल जाते हैं जो ड्रामा करते हैं। ऐसी कंडीशन में पुलिस की मदद ली जाती है।

डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ