- चर्म रोग विभाग में मरीजों को बाहर की दवा लिख रहा एचआईवी काउंसलर

- अस्पताल प्रशासन कर रहा सिर्फ जांच की बात

GORAKHPUR: स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों के लाख दावों के बाद भी यहां के सरकारी अस्पतालों का हाल नहीं सुधर सका है। जिला अस्पताल का ही हाल देखें तो यहां के चर्म रोग विभाग को एक एचआईवी काउंसलर के हवाले कर दिया गया है। लापरवाही का आलम देखिए कि डॉक्टर की जगह चर्म रोग के मरीजों को ये एचआईवी काउंसलर ही पर्ची पर बाहर की दवाएं भी लिख डाल रहा है। यहां की व्यवस्थाओं का हाल जानने पहुंची दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम भी मरीजों के साथ हो रहे इस खिलवाड़ का नजारा देख हैरान रह गई।

इलाज है कि मजाक

जिला अस्पताल में अपना काम छोड़कर ओपीडी में दवा लिखने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम शुक्रवार को यहां की व्यवस्थाओं का हाल जानने पहुंची। चर्म रोग विभाग में पहुंचने पर डॉक्टर तो नहीं दिखे पर एक व्यक्ति बैठकर मरीजों को दवाएं लिख रहा था। रिपोर्टर ने पूछा तो पता चला कि ये एचआईवी काउंसलर के विजय कांत त्रिपाठी हैं जो डॉक्टर के राउंड पर होने के दौरान ओपीडी में पर्ची पर दवा लिखते हैं। इतना ही नहीं, काउंसलर मरीजों को खुलेआम बाहर की दवाएं लिखते भी मिले। जबकि यहां डॉक्टर के अलावा कोई भी दवा नहीं लिख सकता है। वहीं, इस संबंध में पूछने पर अस्पताल प्रशासन सिर्फ जांच की बात कह मामला टालता दिखा।

वर्जन

अगर चर्म रोग विभाग में एचआईवी काउंसलर दवा लिख रहा है तो मामले की जांच कराई जाएगी। अगर दोष सिद्ध हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ। राज कुमार गुप्ता, एसआईसी, जिला अस्पताल