- बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एचआईवी लैब को मिली इंटरनेशनल मान्यता

- माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के एचडीआरएल का जनवरी 2021 में हुआ था प्री-असेसमेंट

GORAKHPUR: अब ईस्टर्न यूपी के लोग क्वालिटी बेस्ड एचआईवी और अन्य सीरोलॉजी की जांच रिपोर्ट का इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर आसानी से इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें जांच के लिए न ही किसी बड़े इंस्टीट्यूट जाना होगा और न ही क्वालिटी बेस्ड रिपोर्ट का कोई चक्कर होगा। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचडीआरएल (एचआईवी डाययग्नोसिस एवं रीसर्च लैब) अब आईएसओ सर्टिफाइड हो गया है। इस मानक को पूरा करने केसाथ ही लैब को एनएबीएल (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोटरीज) की इंटरनेशनल मान्यता मिल गई है। एचडीआरएल को एनएबीएल की मान्यता मिल गई। इसका लोगों को काफी फायदा मिलेगा।

जांच रिपोर्ट की बढ़ी वैल्यू

डिपार्टमेंट में फ्री ऑफ कास्ट एचआईवी की जांच भारत सरकार के नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन केअंतर्गत यूपी एड्स कंट्रोल सोसाइटी के सहयोग से होती है। इसकी मान्यता केलिए विभाग पिछले तीन वर्षों से डिपार्टमेंट लगा था। इस कार्य को पूरा करने के लिए इक्विपमेंट्स केमिकल्स व मैनपॉवर एनएसीओ ने अवेलेबल कराए। माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। अमरेश कुमार सिंह ने बताया, एनएबीएल की मान्यता लेना एक जटिल प्रक्रिया होती है, लेकिन शासन के सहयोग व निर्देशों के अनुपालन में यह महत्वपूर्ण काम है। मान्यता मिल जाने से एचआईवी व अन्य सीरोलॉजी जांचें क्वालिटी बेस्ड होंगी। उसी दिन मरीज को रिपोर्ट मिल जाती है। उन्होंने बताया, एनएबीएल की प्रॉसेज में टेस्टिंग के हर एक स्टेप पर तय प्रोटोकॉल के हिसाब से जांच की जाती है। इसके होने से जांच में गलतियों की संभावना लगभग न के बराबर होती है।

जनवरी में किया था अप्लाई

एनएबीएल की ऑनलाइन प्रक्रिया जनवरी 2021 में किया गया था, जिसके बाद प्री-एसेस्मेंट मार्च 2021 में किया गया। यह सारी प्रॉसेस ऑनलाइन मीडियम में कंप्लीट हुई, जिसमें कुछ कमियां पाई गई थीं। जो कमियां पाई गई थी। उसे असेसर ने दुरुस्त कराने के लिए कहा था। उन कमियों को दूर करने के बाद लास्ट असेसमेंट जून 2021 में दो एक्स्पर्ट ने किया। टेस्टिंग के हर एक स्टेप की बारीकी से जांच असेसर ने किया और कोई कमी नहीं मिली। जिसके बाद 9 अगस्त को एनएबीएल ने लेटर जारी किया गया।

लैब की खासियत

- इस लैब में एचआईवी के अलावा सिफलिस हेपेटाइटिस बी एवं सी की जांच भी किया जाता है।

- इसके अलावा एचआईवी लैब के तहत अब लगभग 100 फ्री ऑफ कॉस्ट टेस्टिंग एवं काउंसलिंग सेंटर्स की मॉनीटरिंग की जा रही है।

- एम्स गोरखपुर में भी एचआईवी की शुरूआत हो गई है।

- अब तक इस बीआरडी एचडीआरएल लैब में 2010 से टोटल लगभग 83000 एचआईवी कि जांच तथा काउंसिलिंग की गई।

- जिसमें लगभग 6200 एचआईवी पॉजिटिव मरीज मिले है।

फैक्ट फीगर

- न्यू एचआईवी पेशेंट्स 2020 में - 473

- न्यू एचआईवी पेशेंट्स 2021 में - 201

- टीबी व एचआईवी पेशेंट्स 2020 में - 59

- टीबी व एचआईवी पेशेंट्स 2021 में - 48

इनका रहा सहयोग

एनएबीएल की प्रक्रिया में प्रिंसिपल डॉ। गणेश कुमार का विशेष सहयोग रहा। एचआईवी लैब के एनएबीएल मान्यता में असिस्टेंट डायरेक्टर लैब सर्विसेज यूपीएस एसीएस लखनऊ एमएस त्रिपाठी, टेक्निकल ऑफिसर प्रयागराज डॉ। संजय कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर पैथोलॉजी विभाग डॉ। अल्पना बुंदेला, लेक्चरर, टेक्निकल ऑफिसर जयेश पांडेय, लैब टेक्निशन ज्योति कुमार व शैलेश और भरत के साथ काउंसलर सिद्धार्थ राय का विशेष सहयोग रहा।