गोरखपुर (ब्यूरो)।पुलिस हॉस्पिटल संचालक की पत्नी, माता और भाई समेत पांच के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही हैं।

तीन बार में जमा कराए 13 लाख

जानकारी के मुताबिक, शाहपुर इलाके के हनुमंत नगर निवासी प्रवीन प्रकाश सिन्हा रविवार को शाहपुर पुलिस को तहरीर दी है। तहरीर में लिखा है कि अपने मित्र अमृत सिंह के साथ विकास कुमार सिन्हा जेल बाईपास स्थित आरूही अस्पताल और वेदांता मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में लैब खोलने के लिए फरवरी 2021 में लिखित समझौता हुआ। आरोप है कि 13 लाख रुपए तीन बार में लैब उपकरण खरीदने के लिए विकास सिन्हा के फर्म सिन्हा मेडिकल स्टोर में जमा कराया गया। जिसके बाद लैब संचालित होने के कुछ माह ठीक चला। इसी बीच विकास ने जेल बाईपास स्थित आरूही अस्पताल बंद हो गया।

पैसा मांगने पर मिली धमकी

हॉस्पिटल बंद होने पर प्रवीन प्रकाश और अमृत सिंह ने लैब उपकरण और रुपए मांगे तो आरोपी विकास ने गाली और जान से मारने की धमकी देने लगा। पीडि़तों ने कई बार रुपए और लैब उपकरण मांगने का निवेदन किया। उसके बाद भी आरोपी ने न रुपये दिया न लैब उपकरण वापस किया। जिसके बाद पीडि़तों ने पुलिस को तहरीर दी। रविवार की शाम शाहपुर पुलिस ने विकास सिन्हा, रूबी सिन्हा, इम्तियाज अहमद, राकेश सिन्हा और उषा देवी के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

काम कर बना हॉस्पिटल संचालक

जिसपर 13 लाख रुपए हड़पने का आरोप है। वह विकास सिन्हा पहले हॉस्पिटल में काम करता था। आरोप था कि मरीजों को मेडिकल कॉलेज से पकड़ कर कमीशन मिलने वाले हॉस्पिटलों में भर्ती करा रुपए वसूलता था। दो साल पहले विकास ने जेल बाईपास स्थित आरूही अस्पताल खोला था। मेडिकल कॉलेज से एंबुलेंस चालक मरीजों को फंसा कर आरूही अस्पताल में भर्ती करा देते थे। जिसके बाद विकास पर कई मरीजों से इलाज के नाम पर अधिक रुपए वसूलने का आरोप लगा था। परिजनों के हंगामा करने पर पुलिस भी पहुंचती थी। आखिर एक साल बाद विकास ने आरूही अस्पताल बंद कर दिया।