-लॉकडाउन में आइसक्रीम फैक्ट्री में बंद है ताला

-मार्च, अप्रैल मई में खूब होती है सेल

-लगन बीत गई और अब जा रही है गर्मी

-लॉकडाउन में आइसक्रीम फैक्ट्री पर ग्रहण

GORAKHPUR: बड़े, बुढ़े या बच्चे सबको आइसक्रीम खाना बेहद पसंद हैं। जिसकी वजह से गोरखपुर में सैकड़ों आइसक्रीम पॉर्लर और 50-60 फैक्ट्रियां रन करती हैं। यूं तो आइसक्रीम पॉर्लर पर ठंड में भी आइसक्रीम की डिमांड रहती है। लेकिन लगन और गर्मी के मौसम में इस बिजनेस में चार चांद लग जाते हैं। फैक्ट्री ओनर की मानें तो तीन महीनों में जो कमाते हैं उससे पूरे साल का खर्च चलता है। लेकिन इस बार लगन और गर्मी में लॉकडाउन की वजह से ये बिजनेस पूरी तरह डाउन हो गया है। लॉकडाउन लगने के बाद से सिटी की सभी फैक्ट्रियों पर ताला लगा हुआ है। जिसकी वजह से ओनर को लाखों रूपए का घाटा हुआ है। वहीं इन फैक्ट्रियों में काम करने वाले हजारों इंप्लॉइज को भी रोजी-रोटी के लिए दूसरा धंधा करने को मजबूर हैं।

कमाई पर लगा अचानक ब्रेक

गोरखपुर में 50-60 आइसक्रीम फैक्ट्रियां हैं। एक फैक्ट्री से करीब 100 मजदूर काम करते हैं। जिसमें कुछ फैक्ट्री में काम करते हैं और बाकी ठेला गाड़ी से शहर में आइसक्रीम बेचते हैं। आइसक्रीम फैक्ट्रियों में मजदूरों को आसानी से काम मिल जाता है। जिससे उनका परिवार का खर्च चलता है। वहीं फैक्ट्री ओनर का भी बिजनेस मजदूरों की वजह से ही पूरे शहर में रन करता है। इस बार लगन को देखते हुए ओनर ने अधिक से अधिक मजदूरों को रखा था। जिससे शादी, विवाह और पार्टियों में उन्हें सर्व करने के लिए भेजा जा सके। इसके लिए फैक्ट्रियों में आइसक्रीम बनाने में लगने वाला मटेरियल्स भी एडवांस में ओनर ने मंगा कर रखा था। तभी अचानक से लॉकडाउन हो गया। इस हाल में ओनर का लाखों रूपए का मटेरियल भी गोदाम रखे-रखे सड़ गया। दूसरी तरफ काम ना मिलने के कारण अधिकतर मजदूर अपने घर वापस चले गए।

बंद हो गए होटल और रेस्टोरेंट

आइसक्रीम गोरखपुर में बेकरी से लगाए हर छोटी बड़ी शॉप्स पर मिलती है। साथ ही होटल और रेस्टोरेंट में भी आइसक्रीम की डिमांड रहती है। नॉर्मल डेज में आइसक्रीम फैक्ट्री ओनर अधिकतर जगहों पर आइसक्रीम की डिलेवरी करता है। लॉकडाउन में सभी होटल, रेस्टोरेंट और दुकानें बंद हो गई। इस हाल में अब आइसक्रीम फैक्ट्री ओनर के पास भी कोई काम ही नहीं बचा। जबकि जो दुकानें खुल भी रहीं है वहां कोरोना वायरस की वजह से आइसक्रीम बिल्कुल नहीं बिक रही है। ऐसे में ये कह पाना मुश्किल होगा कि आने वाले समय में भी आइसक्रीम का बिजनेस कब रफ्तार पकडे़गा।

फैक्ट्रियों को देना पड़ रहा बिजली का बिल

आइसक्रीम फैक्ट्री ओनर ने बताया कि इन तीन महिनों में सबसे अधिक आइसक्रीम बिकती है। जिससे साल भर अपने परिवार का पेट भरते हैं। लॉकडाउन की वजह से हमारा कारखाना बंद पड़ा है और सारी सेल बंद पड़ी है। इसके अलावा इस समय शादी, विवाह और पार्टियां भी नहीं हो रही हैं। वहीं जहां माल सप्लाई होता था वो दुकानें भी बंद हैं। वहीं, हम लोगों को लगभग 25 हजार से 40 हजार तक बिजली का बिल भी चुकाना पड़ रहा है। साथ ही जिन इंप्लॉइज से तीन महीनें का काम कराते हैं उन्हें पूरे 12 महीनें की सैलरी देते हैं। लॉकडाउन की वजह से जो घाटा हुआ इससे उबरने के लिए क्या किया जायए समझ में नहीं आ रहा है।

लॉकडाउन लगा तो खराब हो गई आइसक्रीम

बटर स्कॉच आइसक्रीम, चैपाती कुल्फी, ऑरेंज कैंडी आइसक्रीम, चॉको बार आइसक्रीम, स्ट्राबेरी आइसक्रीम, मैंगो बाइट आइसक्रीम, टूटी फूुटी समेत कई तैयार की गई आइसक्रीम खराब हो गई। इसके साथ ही लाखों रूपए का मटेरियल भी खराब हुआ।

कोट-

कोरोना वायरस ने सारा बिजनेस चौपट कर दिया है। लॉकडाउन की वजह से आइसक्रीम फैक्ट्री दो महीनें से अधिक समय से बंद हैं। जबकि इधर तीन महीनें जो बिजनेस होता है उससे पूरे साल का खर्च चलता है। अब तो पूरे साल इंतजार करना पडे़गा।

अमित नवलानी, हर्ष आइसक्रीम

लॉकडाउन के बाद से ही आइसक्रीम फैक्ट्री में ताला लग गया है। इंप्लॉइज को कुछ एडवांस पैसा पहले ही दे दिया था। लॉकडाउन में इंप्लॉइ भी अपने घर निकल गए। लॉकडाउन के बाद भी आइसक्रीम फैक्ट्री कब से रन करेगी ये कहना बहुत मुश्किल होगा।

महादेव केशवानी, हॉलीडे आइसक्रीम

आइसक्रीम फैक्ट्री बंद है। ऐसे में सरकार कुछ हमारी भी मदद करे। बिजली का फिक्स चार्ज हम लोगों को देना पड़ता है। जबकि इस बार बिजनेस एक दम से जीरो हो गया है। ऐसे में सरकार की तरफ से थोड़ी रियायत हो जाएगी तो डूबते को तिनके का सहारा मिल जाएगा।

दीपक कुमार, मॉडेला आइसक्रीम

लॉकडाउन में आइसक्रीम का बिजनेस करने वालों की कमर टूट गई है। कर्ज और उधार लेकर सीजन की तैयारी की गई थी। जिसे लॉकडाउन खा गया। अब चिंता इस बात की है कि बैंक कर्ज, बिजली बिल और बच्चों की स्कूल फीस समेत परिवार का खर्च कैसा पूरा होगा।

अमरजीत मिश्रा, टूडे आइसक्रीम