-परिजन चाहें तो कस्टोडियन के ऊपर दर्ज करवा सकते हैं एफआईआर

-मृत व्यक्ति के परिजनों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ का बनता है मामला

-मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी से गायब हो गई है महिला की आंख

तारीख-दर-तारीख

31 दिसंबर की रात में महिला की बॉडी फांसी के फंदे से उतारी गई। इसी दिन पुलिस ने बॉडी को कब्जे में लेकर मोर्चरी हाउस भिजवा दिया था।

01 जनवरी की शाम चार बजे तक महिला का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। इस दौरान बॉडी मोर्चरी में पड़ी रही। पुलिस का कहना है कि तहरीर के अभाव में उसका पंचायतनामा नहीं भरा जा सका था।

02 जनवरी को पंचनामा भरने के दौरान परिजनों ने नोटिस किया कि महिला की एक आंख गायब है।

04 जनवरी को परिजनों ने इस मामले को लेकर अपना विरोध जताया। इसके बाद सीएमओ ने जांच का आदेश जारी कर दिया।

arunkumar@inext.co.in

GORAKHPUR: मोर्चरी हाउस में रखी बॉडी का अगर कोई भी अंग क्षतिग्रस्त हुआ तो कस्टोडियन की खैर नहीं। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अगर मृतक के परिजन चाहें तो कस्टोडियन के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवा सकते हैं। असल में सोमवार को बीआरडी के मर्चरी हाउस में रखी एक बॉडी की एक आंख गायब मिली। इसके बाद परिजनों ने हंगामा किया तो मामले की जांच का आदेश हुआ। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने इस मामले में मंगलवार को कानूनी विशेषज्ञों और एक्सप‌र्ट्स से बात की।

यह था मामला

गुलरिहा एरिया के हरसेवकपुर नंबर दो, चौहान जटोला निवासी नीतेश चौहान की पत्नी अनुराधा उर्फ रानी की बॉडी फंदे से झूलती मिली। 31 दिसंबर की रात पति ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस पहुंची तो घटनास्थल का वीडियो और फोटो बनाकर बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। महिला की बॉडी बीआरडी मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में रखवाकर पुलिस तहरीर का इंतजार करने लगी। अनुराधा की मां ने दहेज की हत्या के लिए आरोप लगाते हुए सूचना दी। पति सहित 10 को नामजद कर पुलिस ने पति नीतेश को अरेस्ट कर लिया। सोमवार को इस मामले में नया मोड़ तब आया जब सोशल मीडिया पर मोर्चरी से महिला की दाहिनी आंख गायब होने की तस्वीर वायरल हुई। परिजनों ने आंख चुरा लेने का आरोप लगाते हुए सीएमओ से शिकायत दर्ज कराई। जबकि पुलिस सहित अन्य ने तर्क दिया कि चूहों ने महिला की आंख कुतर दी है।

एक्सपर्ट बोले

-मोर्चरी में रखी बॉडी की आंख या अन्य कोई अंग गायब हो गया हो, या उसे डैमेज किया गया है तो बॉडी जिसकी सुरक्षा में रखी गई है वह पूरी तरह से जिम्मेदार होगा।

-एक्सीडेंट, मर्डर और अन्य जगहों से बरामद बॉडी मोर्चरी में रखी जाती है।

-मोर्चरी में बॉडी से कोई छेड़छाड़ होने, पार्ट गायब होने पर कस्टोडियन के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।

-उसके खिलाफ भी पुलिस मानव शरीर से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कर सकती है।

-यह डेड बॉडी के सम्मान से जुड़ा हुआ मामला है।

बॉक्स

पहले भी बॉडी का नहीं रखा गया है ख्याल

16 नवंबर 2018

झंगहा एरिया के मीठाबेल निवासी सपा कार्यकर्ता 54 वर्षीय बेचन प्रसाद चौरसिया की सड़क एक्सीडेंट में मौत हो गई। बॉडी मोर्चरी हाउस में रखी गई। अगले दिन पोस्टमार्टम के लिए जाया गया। तब परिजनों को पता चला कि रात में चूहों ने बेचन प्रसाद के शव की नाक और दोनों हाथ की उंगलियां कुतर दी हैं।

17 जनवरी 2019

एक ऐसा ही मामला 2019 में भी हुआ था। चाइल्ड लाइन कर्मचारी विवेक कुमार की बॉडी मोर्चरी में रखी गई। पोस्टमार्टम के दौरान पता लगा कि चेहरे को चूहों ने कुतर दिया है।

बॉक्स-2

अननोन बॉडी के लिए यह है रूल

-जिले में मिलने वाली अज्ञात व्यक्तियों की बॉडी का पोस्टमार्टम 72 घंटे के बाद करने का नियम है।

-बॉडी पाए जाने के बाद उसे मोर्चरी में रखवाकर पुलिस पहचान की कोशिश करती है।

-किसी के सामने न आने, पहचान न होने की दशा में तीन दिन बाद पोस्टमार्टम कराकर धार्मिक रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार करा दिया जाता है।

-इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि अननोन डेडबॉडी के साथ होने वाले मामले सामने नहीं आ पाते हैं।

-लावारिस हाल पड़े होने से उनकी काफी दुर्गति होती होगी। पूर्व में लावारिस बॉडी को भी चूहे कुतर चुके हैं।

यह बोले सीएमओ

इस मामले में सीएमओ डॉ। सुधाकर पांडेय ने कहा कि मेरी जिम्मेदारी पोस्टमार्टम हाउस, यहां के स्टाफ और व्यवस्था तक सीमित है। मोर्चरी बीआरडी मेडिकल कॉलेज के जिम्मे है। जहां तक इस मामले की बात है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखी जाएगी तो यह स्पष्ट हो जाएगा। प्रिडिक्शन में ऐसा नहीं है कि किसी जानवर ने कुतरा है। पंचनामा में यह चोट लिखी गई होगी तो यह चोट होगी। पोस्टमार्टम हाउस के पहले जो पंचनामा रिपोर्ट भरी जाती है। उसे मैच कराकर ही डॉक्टर पोस्टमार्टम करते हैं। कोर्ट में डॉक्टर का बयान होता है। तब रिपोर्ट में जो इंजरी लिखी गई है वह किस तरह की है। इसे डॉक्टर, कोर्ट में एक्सप्लेन करेंगे। आंख चोरी की बात बिल्कुल अफवाह है।

वर्जन

मोर्चरी में बॉडी से कोई छेड़छाड़ होने, पार्ट गायब होने पर कस्टोडियन के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। उसके खिलाफ भी पुलिस मानव शरीर से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कर सकती है। लेकिन कानून की जानकारी नहीं होने के चलते लोग ऐसा करते नहीं है।

-भानु पांडेय, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट, गोरखपुर

यह गंभीर लापरवाही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर ने इस पर क्या जिक्र किया है, इसका बारीक अध्ययन करना होगा। ऐसा होता है तो यह मृत व्यक्ति के परिजनों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

-शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव, वरिष्ठ अधिवक्ता

डेड बॉडी को सील करते समय वीडियोग्राफी कराई गई थी। उसका फोटो भी बनाया गया था। तब आंख पूरी तरह से सुरक्षित थी। इस संबंध में अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। कोई तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-रवि कुमार राय, एसएचओ गुलरिहा

पंचायतनामा भरने के पहले हमने कहा कि बॉडी दिखवा दीजिए। हम लोगों ने देखा कि बहन की आंख निकली हुई थी। तब हमने आपत्ति जताई। बहन की हत्या का मुकदमा दर्ज कराकर हम लोगों ने नगर विधायक से कार्रवाई की गुहार लगाई। उन्होंने गुलरिहा थानेदार से बात करके जांच कराने को कहा था

-कमलेश्वर चौहान, महिला के भाई