- बेहतर सुविधा देने का दावा करने वाले रोडवेज बस स्टेशन पर नहीं मिलती सूचना
- इंक्वायरी ऑफिस में बैठे लोगों की उदासीनता के कारण पैसेंजर्स होते हलकान
GORAKHPUR: भईया कोई है ठूठीबारी के लिए बस कितने बजे जाएगी। तभी इंक्वायरी में आराम फरमा रहे कर्मचारी का जवाब आता है, उधर जाईए सुप्रीटेंडेंट बताएंगे ठूठीबारी के लिए कौन सी बस जाएगी। सुप्रीटेंडेंट के पास पहुंचने पर पता चला कि बस मालिक बैठे हैं। यह पीड़ा बयां की दिल्ली से आए पैसेंजर रमेश कन्नौजिया ने। रमेश जैसे सैकड़ों ऐसे पैसेंजर हैं, जो डेली गोरखपुर बस स्टेशन के इंक्वायरी ऑफिस पर आते हैं और गोरखपुर से चलने वाली बसों की जानकारी मांगते हैं, लेकिन यहां तैनात कर्मचारी गॉसिप और सोने के अलावा कुछ और नहीं करते। हद तो ये कि इंक्वायरी ऑफिस के भीतर लगी एनाउंसमेंट मशीन भी कभी-कभी जवाब दे जाती है। स्टेशन कैंपस में लगे माइक की हालत ऐसी है कि बरसाती पानी घुस जाने के बाद वह किसी काम का नहीं रहता। ऐसे में न एनाउंसमेंट होती है और न ही एनाउंसर मौजूद रहता है।
देनी है जानकारी, सोए मिले कर्मचारी
गोरखपुर बस स्टेशन पर अव्यवस्थाओं की कंप्लेंस की तस्दीक करने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम गुरुवार को रेलवे बस स्टेशन पहुंची। एक कर्मचारी बस स्टेशन पर इंक्वायरी रूम में सोया मिला। एनाउंस करने वाली मशीन भी बेतरतीब रखी हुई थी। कोई बस से संबंधित सही जानकारी देने वाला कर्मचारी भी नहीं था।
किसी को याद नहीं जिम्मेदारी
अनलॉक में एक जून के बाद से बस स्टेशन से पैसेंजर्स के आने-जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। बावजूद इसके बस स्टेशन से लगाए बसों के भीतर सोशल डिस्टेंसिंग समेत सेनेटाइजर व मास्क के इस्तेमाल को लेकर एमडी राजशेखर की तरफ से जारी गाइडलाइन का कहीं कोई पालन होता नहीं दिख रहा। टीम बस स्टेशन पहुंची तो ड्राइवर व कंडक्टर समेत बस स्टेशन के जिम्मेदार एआरएम, सुप्रीटेंडेंट व बाबू तक अपनी जिम्मेदारियों के प्रति संजीदा नजर नहीं आए। बेतरतीब खड़ी बसें और बस स्टेशन रोड पर जल जमाव से कोरोना संक्रमण के साथ-साथ बरसाती संक्रमण का भी खतरा नजर आया। बसों के भीतर खुलेआम पानी बेचने वाले से लगाए मास्क तक बेचने वाले नजर आए लेकिन कोई जिम्मेदार इन अवैध रूप से कारोबार करने वालों पर अंकुश लगाता नजर नहीं आया। पूछे जाने पर रोडवेज के जिम्मेदार टालमटोल करते जरूर नजर आए।
फैक्ट फिगर
डिपो अनुबंधत बसें निगम की बसें
गोरखपुर 106 --
देवरिया 127 --
राप्तीनगर 27
बस्ती 34
महराजगंज 8
सिद्धार्थनगर 1
नोट - बसों की संख्या औसत में है।
कोट्स
लोकल रूट की जानकारी के लिए रेलवे बस स्टेशन पर जब भी बस स्टेशन परिसर के इंक्वायरी ऑफिस में जाओ तो एनाउंस करने वाले कर्मचारी सीधे मुंह बात नहीं करते हैं। ज्यादा कुछ पूछो तो झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं।
वैभव, पैसेंजर
कई बार पडरौना के लिए बस पकड़ने गया, लेकिन बस के बारे में जानकारी देना तो दूर कर्मचारी अपनी सीट पर ही नहीं बैठते। बस स्टेशन परिसर में पीने का पानी और बैठने तक की कोई बेहतर व्यवस्था नहीं है।
राकेश, पैसेंजर
बस स्टेशन पर साफ-सफाई तो बिल्कुल भी नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने वाले जिम्मेदार अधिकारी भी नदारद रहते हैं। कई बार शिकायत करो तो उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती।
प्रेम शर्मा, पैसेंजर
वर्जन
इंक्वायरी ऑफिस सोने के लिए थोड़े ही बना है। जो भी है, उससे पूछताछ की जाएगी। कार्रवाई भी की जाएगी। बस स्टेशन पर आने वाले पैसेंजर्स को बेहतर सुविधा दी जाएगी।
डीवी सिंह, आरएम