गोरखपुर (ब्यूरो)। शुक्रवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में 1500 से 1900 पेशेंट्स का रजिस्ट्रेशन किया गया। जिसमें मेडिसिन व स्किन रोग विभाग में करीब 900 पेशेंट देखे गए। इनमें गर्मी के कारण हीट स्ट्रोक, स्किन, उल्टी-दस्त की शिकायत वाले भी पेशेंट शामिल है।

ओपीडी में दोगुनी हो गई पेशेंट्स की संख्या

जिला अस्पताल की ओपीडी में पेशेंट्स की संख्या करीब दोगुनी हो गई है। अस्पताल में पहले जहां करीब एक हजार पेशेंट पहुंचते थे, वहीं इस समय यहां संख्या बढ़कर दो हजार या इससे भी अधिक हो गई है। सामान्य ओपीडी से लेकर बाल रोग की ओपीडी तक, सभी जगह पेशेंट बढ़ गए है। गर्मी से पेशेंट और तीमारदार सब बेहाल है। अस्पताल की ओपीडी में पहुंचने वाले ज्यादातर मरीज उल्टी, दस्त, डिहाइड्रेशन के शिकार हैं। इसमें बच्चों और युवाओं की संख्या अधिक है। विशेषज्ञों की मानें तो तेज धूप की चपेट में आने से लोग बीमार पड़ रहे हैं। इस समय गर्मी के कारण बुखार, खांसंी, दमा, एलर्जी, ब्लड प्रेशर, फेफड़े, पेट से संबंधित पेशेंट की संख्या बढ़ी है। वहीं स्किन रोग विभाग में भी फंग्ल इंफेक्शन के पेशेंट्स की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है।

ओपीडी में सबसे ज्यादा हीट स्ट्रोक के पेशेंट

जिला अस्पताल के जनरल फिजिशियन डॉ। बीके सुमन ने बताया कि ओपीडी में पहुंचने वाले 60 से 70 फीसदी पेशेंट हीट स्ट्रोक या फिर जलजनित बीमारियों से पीडि़त हैं। इनमें से कुछ गंभीर पेशेंट्स को तुरंत भर्ती कराना पड़ता है। जहां सामान्य दिनों में ओपीडी 600 के करीब होती थी, लेकिन अब एक हजार से ऊपर पहुंच गई है। स्किन रोग विभाग के डॉ। नवीन वर्मा ने बताया कि इन दिनों फंग्ल इंफेक्शन, सनबर्न, चिकेनपाक्स के पेशेंट्स की संख्या अधिक हुई है।

हीट स्ट्रोक के लक्षण

हीट स्ट्रोक में शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है

-दौरे पडऩे लगते हैं।

-गफलत में पेशेंट उलटा-सीधा बोलने लगता है

-ब्लड प्रेशर कम हो जाता है

-कई पेशेंट्स को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है

थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो हीट स्ट्रोक के खतरे से बचा जा सकता है।

-एक लीटर पानी या नींबू पानी के घोल का सेवन करना चाहिए।

-गर्मी में सफर करने के दौरान चश्मे, हेलमेट और सिर पर कपड़े का प्रयोग करना चाहिए।

-इस मौसम में ढीले और हीट से बचाने वाले हल्के रंग के सूती कपड़े पहनने चाहिए।

-फील्ड में यदि कोई गिर जाए तो उसे उल्टा कर देना चाहिए, जिससे दिमाग में गर्मी ने चढ़ पाए।

-जहां तक संभव हो तेज धूप में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।

-खुले में फल या खाद्य पदार्थ का सेवन न करें।

- शुद्ध पेयजल या आरो वाटर का ही सेवन करें।

फैक्ट फिगर

-अस्पताल में हर रोज रजिस्ट्रेशन की संख्या -1500

-उल्टी, दस्त, बुखार, जुखाम, खांसी, ब्लड प्रेशर, दमा, पेट से संबंधित बीमारी के पेशेंट की संख्या-550

-स्किन रोग विभाग में प्रतिदिन पेशेंट्स की संख्या-300

गर्मी की वजह से रोजाना पहुंच रहे मरीज-600

तारीख ओपीडी

21 मई 1319

23 मई 1427

24 मई 1966

25 मई 1591

26 मई 1528

27 मई 1588