गोरखपुर (ब्यूरो) अश्विन पूर्णिमा की पावन तिथि में प्रधानमंत्री 20 अक्टूबर को कुशीनगर आ रहे हैं। वह यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट का इनॉगरेशन करने के साथ ही राजकीय मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास करेंगे। साथ ही कई अन्य विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल के बाद अब कुशीनगर के साथ ही पूर्वांचल को विकास की नई ऊंचाइयां छूने का मौका मिला है। इन सौगातों के साथ कुशीनगर को विकास के नक्शे पर नई पहचान तो मिलेगी ही। वहीं, इंटरनेशनल एयरपोर्ट के जरिए इसे पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास का नया द्वार भी माना जाएगा।

260 करोड़ से बना एयरपोर्ट

यह एयरपोर्ट 589 एकड़ में 260 करोड़ रुपए की लागत से बना है। इसके एप्रन पर चार बड़े हवाई जहाज एक साथ खड़े हो सकते हैं। प्रदेश के सबसे बड़े रनवे (3200 मीटर) वाले इस एयरपोर्ट के एक्टिव होने के साथ ही पर्यटन विकास, निवेश, रोजगार का बड़ा प्लेटफॉर्म तैयार हो रहा है। साथ ही देश के सांस्कृतिक संबंधों का इंटरनेशनल लेवल पर विस्तार भी होगा। इस एयरपोर्ट पर पहले इंटरनेशनल फ्लाइट के रूप में श्रीलंकाई सरकार के विमान की लैंडिंग व टेकऑफ होगा। इसमें वहां की सरकार के प्रतिनधिमण्डल के साथ बौद्ध भिक्षु भी शामिल रहेंगे। पीएम इस दौरान महापरिनिर्वाण मंदिर में तीन दिवसीय इंटरनेशनल बौद्ध कॉन्क्लेव का भी शुभारंभ करेंगे। साथ ही कुशीनगर में वह रामकोला रोड, नारायणपुर में जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

40 लाख लोगों को सुविधा देगा मेडिकल कॉलेज

पीएम नरेंद्र मोदी कुशीनगर में 281.45 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले राजकीय मेडिकल कॉलेज का भी शिलान्यास करेंगे। सीएम योगी ने 2022-23 के सत्र से यहां एमबीबीएस की 100 सीटों पर एडमिशन करने का लक्ष्य तय किया है। इस मेडिकल कॉलेज में 460 की क्षमता का हॉस्टल तथा 500 बेड का सभी सुविधाओं से युक्त हॉस्पिटल भी होगा। इसका निर्माण पूरा होते ही जनपद, आसपास और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले करीब 40 लाख लोगों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। क्षेत्र के लोगों को अत्याधुनिक इलाज के लिए बड़े शहरों की भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी।

180.66 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण

पीएम के हाथों कुशीनगर के खाते में आने वाली उपलब्धियों की पिक्चर अभी बाकी है। वह केवल 260 करोड़ रुपए के इंटरनेशनल एयरपोर्ट और 281.45 करोड़ रुपए के मेडिकल कॉलेज का ही उपहार नहीं देंगे बल्कि उनके हाथों से 180.66 करोड़ रुपए की 12 विकास परियोजनाओं का भी शिलान्यास व लोकार्पण होगा। इन परियोजनाओं में गंडक नदी पर बाढ़ सुरक्षा के 8 प्रोजेक्ट, स्वदेश दर्शन स्कीम में बौद्ध सर्किट योजनांतर्गत पर्यटन विकास, राजकीय महाविद्यालय सुकरौली का निर्माण, नवीन संकेत मूक बधिर राजकीय बालिका आवसीय विद्यालय का निर्माण, कसया-रामकोला व रामपुर खुर्द, कोटवा, घुघली मार्ग का चौड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण का कार्य शामिल है।

राज्यपाल, कई सेंट्रल व स्टेट मिनिस्टर होंगे शामिल

सीएम योगी आदित्यनाथ की देखरेख में हो रहे इस समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू, केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया, केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपदयसो नाइक, केंद्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, यूपी सरकार के कृषि व कृषि शिक्षा-अनुसंधान मंत्री सूर्यप्रताप शाही, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, देवरिया के सांसद डॉ। रमापति राम त्रिपाठी, कुशीनगर के सांसद विजय कुमार दूबे व कुशीनगर के विधायकगण भी उपस्थित रहेंगे।

दिया जाएगा 'बुद्ध का महाप्रसादÓ

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का इनॉगरेशन 20 अक्टूबर को बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में होगा। बौद्ध अतिथियों को 'बुद्ध का महाप्रसादÓ गिफ्ट हंैपर के तौर पर दिया जाएगा। महात्मा बुद्ध के जन्मस्थल क्षेत्र से जुड़े सिद्धार्थनगर जिले के विशिष्ट उत्पाद, स्वाद, सुगंध और पोषण के मामले में बेजोड़ कालानमक चावल को बुद्ध ने प्रसाद के रूप में ग्रहण कर अपने शिष्यों को भी इससे तृप्त किया था। विलुप्त से हो रहे कालानमक धान की इस प्रजाति के संरक्षण और संवर्धन के लिए यूपी गवर्नमेंट ने इसे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट (ओडीओपी) स्कीम में शामिल कर लिया और इसे ग्लोबल पहचान दिलाई है। देश-विदेश से आ रहे प्रमुख बौद्ध अनुयायियों और अन्य मेहमानों को गिफ्ट कर इसकी ग्लोबल ब्रांडिंग और मजबूत की जाएगी।

कनेक्टिंग फ्लाइट से निजात, बचेगा समय और पैसा

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन जाने से इसका सबसे ज्यादा फायदा पूर्वांचल के 13 जिलों और पश्चिमी बिहार के 10 जिलों के लोगों को मिलेगा। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि अभी तक लोगों को इंटरनेशनल फ्लाइट पकडऩे के लिए कम से कम लखनऊ यानि 300 किमी। सफर तय करना पड़ता है। वहीं, अगर दिल्ली और मुंबई से फ्लाइट हो गई तो मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। मगर कुशीनगर एयरपोर्ट शुरू हो जाने से लोगों को 50 किमी दूरी से इंटरनेशनल फ्लाइट मिलने लगेंगी, जिससे उनका पैसा और समय दोनों की बचत होगी।

बौद्ध सर्किट से होगी डायरेक्ट कनेक्टिविटी

विकास के ऐसे ही आयामों की संभावनाओं वाले कुशीनगर एयरपोर्ट से श्रीलंका के भंडारनायके एयरपोर्ट, सिंगापुर के चांगी, थाईलैंड के बैंकॉक, जापान के टोक्यो और म्यांमार के यंगून एयरपोर्ट समेत 13 देशों के लिए सीधी उड़ान होगी। चीन व दक्षिण कोरिया के यात्री सिंगापुर और वियतनाम तथा भूटान व कंबोडिया के यात्री बैैंकाक एयरपोर्ट से सीधी उड़ान भर सकेंगे। इससे काफी संख्या में बौद्ध भिक्षुओं को भी फायदा मिलेगा और उन्हें बौद्ध सर्किट जाने में कोई मुश्किल नहीं होगी।

आसपास के लोगों के लिए रोजगार के साधन

13 बौद्ध देशों के लिए सीधी उड़ान लुंबिनी, बोधगया, सारनाथ, संकिसा, श्रावस्ती आदि स्थानों के टूरिज्म को बढ़ाएगी। इससे वहां के स्थानीय लोगों की आय बढ़ेगी। साथ ही आसपास के एरिया में भी विकास की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा और उन्हें रोजगार की तलाश में कहीं जाना नहीं पड़ेगा। इसका विस्तार देवरिया, गोरखपुर और बिहार के गोपालगंज में भी देखने को मिलेगा।