GORAKHPUR: यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इंटरनेशनल छात्रों को प्रवेश परीक्षा से छूट दी है। मगर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नजरिए से इन स्टूडेंट्स को टोफेल उत्तीर्ण होने के साथ-साथ हिंदी का ज्ञान होना भी आवश्यक है। इसके साथ ही साथ इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को पंडित दीनदयाल उपाध्याय और नाथ पंथ पर यूनिवर्सिटी की ओर से शुरू किए गए दोनों कोर्स को करना होगा। दूसरे राज्य से आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स को अधिकसंख्य कोटा का लाभ देने की भी तैयारी है।

नाथ पंथ पर अध्ययन केलिए स्थापित होगी चेयर

यूनिवर्सिटी की ओर से नाथ संप्रदाय पर रिसर्च के लिए आने वाले पांच इंटरनेशनल शोधार्थियों को विजिटिंग फेलोशिप के रूप में 40 लाख रूपए की स्कॉलरशिप दी जाएगी। इसके अंतर्गत वो तीन महीने तक शोध कार्य कर सकेंगे। इनकी प्रोजेक्ट केआधार पर नाथ पंथ केइंटरनेशनल केंद्रों की स्थापना स्पेन, रूस, नेपाल, अमेरिका और साउथ अफ्रीका में होगी। इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर वीसी ने सांस्कृतिक मंत्रालय के सचिव से वार्ता की है। इंटरनेशनल सेंटर फॉर नाथ पंथ' का उद्देश्य वित्तीय सहायता के साथ पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च के साथ स्टूडेंट एक्सचेंज और नए पीएचडी को बढ़ावा देना है। अंतर्राष्ट्रीय फैलोशिप प्रतिभाशाली अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करने और उन्हें अनुसंधान के वैश्रि्वक परिप्रेक्ष्य और नाथ पंथ के दर्शन और इसके योगदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए होगी।

इंटरनेशनल ट्रैवेल के लिए मिलेगी फेलोशिप

शोधपीठ के द्वारा अमेरिका में तीन महीने के अध्ययन के लिए लगभग 7500 डॉलर प्रदान किए जाएंगेय। इसे 6 महीने या पीडीएफ या पीएचडी के रूप में केंद्र द्वारा अनुशंसित किया जा सकता है। इसके अंतर्गत इंटरनेशनल ट्रैवल ग्रांट और रहने का खर्च 3-6 महीने के लिए प्रस्तावित किया गया है। इसी तरह का प्रावधान रूस, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन और नेपाल के केंद्रों के लिए भी किया जाएगा।