गोरखपुर (ब्यूरो)। यह सभी ट्रेन में मिलने वाले बेड रोल, कंबल, बफर, पलंजर, शीशा, बाल्टी समेत अन्य जितने भी रेलवे स्टेशन और ट्रेन में रेल सामग्रियों की डिवीजन में सप्लाई करते हैैं। इन सबकी भी जांच शुरू हो गई है। रेलवे सूत्रों की मानें तो उप मुख्य सामग्री प्रबंधक भंडार डिपो में तैनात मुख्य डिपो सामाग्री अधिकारी में पावती अनुभाग, लिमिटेड टेंडर, स्क्रैप 98 वार्ड आदि के अधिकारी पीसीएमएम केसी जोशी के रिश्वतखोरी में साथ देने का काम करते थे, जो जांच के दायरे में आ चुके हैैं। इन सभी के खिलाफ भी विभागीय जांच कर कार्रवाई की बात कही जा रही है।
जांच के दायरे में चार सीडीएमएस
गोरखपुर एनई रेलवे का हेड क्वार्टर है। यहीं उप मुख्य सामग्री प्रबंधक भंडार डिपो से तीनों डिवीजन लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर डिवीजन में रेल सामग्रियों की सप्लाई होती है। सीडीएमएस के जिम्मेदारी होती है। वह दिल्ली, कानपुर, कोलकाता, मुंबई समेत लोकल फर्म के माध्यम से ही सामान की परेचिंज और रिसिप्ट का काम करते हैैं। लेकिन इन सामग्रियों मेें हेराफेरी का मामला भी सामने आया है। वहीं एनई रेलवे के सामग्री प्रबंधन विभाग में अधिकारियों की मनमानी जारी है। वहीं डिप्टी और सीनियर स्केल के अधिकारी मनमाने ढंग से कार्यालय को संचालित किए जाने का भी मामला सामने आया है। जो जेम पोर्टल पर ऑनलाइन सिस्टम होने के बाद भी अधिकारी नजदीकी फर्र्मो को ही टेंडर दिए थे।