गोरखपुर (ब्यूरो)। इंवेस्टमेंट एडवाइजर एंड पार्टनर मल्टीस्फीयिर कंसलटेंसी की सिल्की अग्रवाल के अनुसार सिटी की महिलाएं अपने आपको फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट करना चाहती हैं।

बहुत से ऐसे परिवार हैं, जिन्हें कोविड के दौरान बहुत सारी फाइनेंशियली प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा। ऐसे में गोरखपुर की तमाम वर्किंग विमन या नान वर्किंग विमन में इक्विटी,

एसआईपी और शेयर मॉर्केट में अपना इंटेस्ट दिखा रही हैं। यह बहुत अच्छा संकेत है। महिलाएं ट्रेडिशनली गोल्ड और पीएफ में इंवेस्टमेंट कर रही हैं। जबकि एजुकेटेड विमन का रुझान

म्यूचुअल फंड के इंडेक्स फंड की ओर बढ़ा है।

केस-1: फाइनेंशियली प्रॉब्लम नहीं होती

बेतियाहाता की वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ। प्रियंका वर्मा बताती हैं कि वे आईसीआईसीआई के जरिए इंवेस्टमेंट करती हूं। इससे बहुत फायदा है। अच्छी रकम मिल जाती है। जिसके

चलते हमें कोई फाइनेंशियली परेशानी नहीं होती है। डॉक्टर होने के बावजूद इंवेस्टमेंट करना अच्छा लगता है।

केस-2: हो सकेंगी फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट

बेतियाहाता निवासी दिशा टेबरिवाल ने बताया, हम करीब डेढ़ साल से इक्विटी और एसआईपी में इंवेस्टमेंट कर रहे हैं। इससे अच्छा रिटर्न मिलता है। बहुत अच्छा लगता है। मैं सिटी

की विमन को कहना चाहती हूं कि वह भी कुछ न कुछ इंवेस्टमेंट करते रहें। इससे फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट रहने में काफी मदद मिलती है।

केस-3: खुद उठाती हूं अपना खर्च

यशोधरा एन्क्लेव की दिव्या प्रजापति ने बताया, मैं शेयर मार्केट में इंवेस्ट करती हूं। घर के काम से जब भी समय मिलता है, अपने शेयर्स खरीदने-बेचने में लग जाती हूं। महीने का

अच्छा फायदा मिल जाता है। पहले पैसे हसबैंड से मांगने पड़ते थे। अब ऐसा कम होता है। अपना खर्चा खुद उठा लेती हूं।

वर्जन

एसआईपी और इक्विटी फंड या अन्य में निवेश करना सही है। सिटी में कई महिलाएं ऐसी र्हं जो हर महीने म्यूचुअल फंड में 10,000 रुपए से अधिक का निवेश करती हैं। खर्च से

बचेे पैसों को एसआईपी के जरिए इक्विटी में निवेश करें। पीपीएफ, हेल्थ इंश्योरेंस में निवेश करना अच्छा है।

सिल्की अग्रवाल, इंवेस्टमेंट एडवाजर एंड पार्टनर मल्टीस्फीयिर कंसलटेंसी

सोना हर व्यक्ति और खासतौर पर महिलाओं की भावनाओं से जुड़ा है। सोना पहनने से जहां सुंदरता बढ़ती है। वहीं, यह हमारे जीवन को सुरक्षित भी करता है। गोल्ड का ट्रेडिशनली

इंवेस्टमेंट 2 साल में बढ़ा है। सोना और ज्वेलरी में अधिक से अधिक निवेश करें, ताकि संकट की घड़ी में यह फाइनेंशियली मजबूती भी दे सके।

वंदना सराफ, डायरेक्टर एश्प्रा जेम्स एंड ज्वेल्स

फैक्ट फाइल

2 साल में इक्विटीज में होने वाले इंवेस्टमेंट में महिलाओं की देशव्यापी भागीदारी 16 परसेंट से बढ़कर 24 परसेंट हो गई है।

1000 महिलाओं में पहले 100 महिलाएं इंवेस्टमेंट करती थीं। वर्तमान में 250 महिलाएं इंवेस्टमेंट कर रही हैं।