-निकाह मस्जिद व कम खर्चे में करें, इस्लाहे मुआशरा कांफ्रेंस

GORAKHPUR: सैयद आरिफपुर में सोमवार को इस्लाहे मुआशरा (समाज सुधार) कांफ्रेंस हुई। हाफिज आरिफ ने कुरआन-ए-पाक की तिलावत से कांफ्रेंस का आगाज किया। मोहम्मद आजाद ने नात-ए-पाक पेश की। सदारत करते हुए सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह के इमाम मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि नमाज रसूल-ए-पाक हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के आंखों की ठंडक है.नमाज इंसान को हर बुराई से दूर रखती है। नमाज पाबंदी व वक्त से खुद भी अदा करें और घर वालों से भी नमाज अदा करने के लिए कहें।

निकाह में न करें फिजूलखर्ची

रसूल-ए-पाक की सुन्नतों पर अमल करने की हिदायत करते हुए बोले कि मुसलमान बुराइयों को छोड़ कर अल्लाह व रसूल-ए-पाक के बताए रास्ते पर अमल करें। निकाह में फिजूलखर्ची अल्लाह व रसूल-ए-पाक को पसंद नहीं है इसलिए निकाह को रसूल-ए-पाक की सुन्नत के मुताबिक अमल में लाया जाए। विशिष्ट वक्ता मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर के शिक्षक कारी मोहम्मद अनस रजवी ने कहा कि तालीम के बगैर कोई भी मुल्क, कौम व मुआशरा तरक्की नहीं कर सकता है। दुनियावी तालीम के साथ दीनी तालीम हासिल करने पर ज्यादा जोर दिया जाए। संचालन मौलाना इस्हाक ने किया। अंत में सलातो सलाम पढ़कर एक और नेक बनने की दुआ मांगी गई। कांफ्रेंस में सैयद हुसैन अहमद, सैयद नदीम अहमद, खुर्शीद अहमद, सद्दाम अहमद, सफ़र हुसैन, सैयद मतीन अहमद, शादाब अहमद आदि मौजूद रहे।