- नई कालोनी, तुर्कमानपुर में जलसा-ए-गौसुलवरा

GORAKHPUR: नई कालोनी तुर्कमानपुर में सोमवार को जलसा-ए-गौसुलवरा हुआ। संचालन मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने किया। मुख्य वक्ता मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम एक मात्र ऐसा धर्म है, जिसमें ना कोई राजा ना कोई फकीर, ना कोई ऊंच है ना कोई नीच। हमें शरीयत के नियमों का पालन करते हुए नेक इंसान बनने की कोशिश करनी चाहिए। नमाज पढ़ें, बुराईयों से बचें। सलाम को आम करें। बच्चों को दीनी व दुनियावी तालीम जरुर दिलाएं। सदारत करते हुए मुफ्ती मो। अजहर शम्सी ने कहा कि एक पढ़ी लिखी मां की गोद से ही पढ़ी लिखी औलाद समाज को मिल सकती है। मां की गोद बच्चे के लिए सबसे पहली दर्सगाह है, इसलिए उसका पढ़ा लिखा होना बेहद जरूरी है। एक औरत को तालीम दे देना एक यूनिवíसटी खोल देने के बराबर है।

मांगी गई सलामती की दुआ

विशिष्ट वक्ता कारी शराफत हुसैन कादरी ने कहा कि हजरत सैयदना शेख अब्दुल कादिर जीलानी के सच्चे वारिस हैं। हमें उनके बताए रास्ते पर चलना चाहिए। नमाज, रोजा, हज, जकात के साथ बंदों का हक भी अदा करें। आखिर में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क की तरक्की व सलामती की दुआ मांगी गई। शीरीनी बंटी। जलसे में मो। आरिफ, शमीम, मेराज, जलालुद्दीन, गुड्डू, उबैद इमरान, मनोव्वर अहमद, रमजान अली आदि मौजूद रहे। वहीं नंदानगर में भी जलसा हुआ। जिसमें हाफिज रहमत अली, मौलाना वारिस अली मिस्बाही, हाफिज खैरुद्दीन, कारी अबूजर नियाजी, निसार खान नन्हें, शहजादे अली, मुन्ना, संजय चौबे, परवेज अहमद आदि ने शिरकत की।