- पैगंबर-ए-आजम की सुन्नत पर करें अमल : नायब काजी

GORAKHPUR: हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी की याद में तुर्कमानपुर पटवारी टोला में मंगलवार को महफिल-ए-गौसिया हुई। कुरआन-ए-पाक की तिलावत की गई। नात-ए-पाक पेश हुई। पैगंबर-ए-आजम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की सुन्नत पर अमल करने की हिदायत दी गई। मुख्य वक्ता मौलाना मो। असलम रजवी ने कहा कि मुसलमान पैगंबर-ए-आजम की सीरत पर चलकर अपनी जिंदगी गुजारें। पैगंबर-ए-आजम के दुनिया में तशरीफ लाने के बाद दुनिया से कुफ्र की तारीकी खत्म हुई। मुसलमानों को दोनों आलम की कामयाबी हासिल करनी है तो कुरआन और हदीस पर पूरी तरह अमल करें। आखिरत की तैयारी करें। नमाजों को उनके वक्तों पर अदा करने की पाबंदी करें। नमाज के बिना काई भी अमल कुबूल नहीं होता है। पांच वक्त की नमाज से मस्जिदों को आबाद करें। शरीअत के खिलाफ कोई काम न करें। झूठ और गीबत से परहेज करें। अपने बच्चों को दीनी तालीम जरूर दिलाएं।

रहमत बनकर आए पैगंबर

सदारत करते हुए नायब काजी मुफ्ती मो। अजहर शम्सी ने कहा कि पैगंबर-ए-आजम मुसलमानों के लिए ही नहीं बल्कि तमाम आलम के लिए रहमत बनकर आए। आपने अमन, शांति, मोहब्बत और इत्तेहाद का पैगाम दिया। मुसलमान बुरे कामों से बचें। समाज में फैल रही कुरीतियों को दूर करें। नमाज की पाबंदी करें। रोजा, हज और जकात अदा करें। मुसलमानों को चाहिए कि पैगंबर-ए-आजम की तालीम पर पूरी तरह से अमल करें। मुसलमानों की पहचान उनके किरदार से होनी चाहिए। लोगों को यह अहसास होना चाहिए कि इस बस्ती व मोहल्ले में मुसलमान रहते हैं। आखिर में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क व मिल्लत की तरक्की, कामयाबी, एकता और खुशहाली की दुआ मांगी गई। महफिल में कारी मोहसिन रजा बरकाती, सफीक अहमद, एडवोकेट तौहीद अहमद, रईस अहमद, इनामुल हक, मोहम्मद अहमद, मुनव्वर अहमद आदि मौजूद रहे।