-डेली दो हजार कंज्यूमर्स की मीटर रीडिंग की जिम्मेदारी

-मीटर रीडिंग बढ़ाने और सही बिजली का बिल बनाने के लिए बिजली निगम ने फिक्स किया टारगेट

GORAKHPUR: कंज्यूमर्स के बिल में गड़बड़ी न हो, मीटर रीडिंग के पेंच में उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए बिजली निगम ने शहर के हर उपकेंद्र में जेई को मीटर रीडिंग का जिम्मा दिया है। वह डोर-टू-डोर कंज्यूमर्स के घर पहुंच कर चाय पीएंगे और उनकी मीटर रीडिंग भी जांचेंगे। अगर कोई गड़बड़ी मिली, तो वह कंज्यूर को इसकी जानकारी देने के साथ ही विभाग में इसकी रिपोर्ट करेंगे, जिससे कि गड़बड़ी को दुरुस्त कराया जा सके। उन्हें डेली दो हजार कंज्यूमर्स की मीटर रीडिंग जांचने का टारगेट मिला है। रूरल एरियाज में प्रति उपकेंद्र रोजाना 15 सौ मीटर्स की रीडिंग करनी होगी। इससे कम मीटर रीडिंग होने पर जेई को पूरी डिटेल्स एसडीओ को देनी होगी।

तीन साल नहीं आए अच्छे परिणाम

शहर में करीब 1.95 लाख कंज्यूमर्स हैं। समय से बिल न बनने और गलत बिल बनने की वजह से ज्यादातर कंज्यूमर बिजली का बिल नहीं जमा करते हैं। एक बार कंज्यूमर का बिजली का बिल गलत हुआ तो वह बार-बार बिल पर शक कर अफसरों के चक्कर काटता रहता है। मीटर रीडिंग का काम बिजनेस कंसल्टिंग एंड आईटी सोल्यूशंस को सौंपने के बाद बिजली निगम के अफसरों को उम्मीद थी कि मीटर रीडिंग में तेजी आएगी, लेकिन तीन साल बीतने के बाद भी अच्छे परिणाम अब तक नहीं मिले हैं। पिछले दिनों ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मीटर रीडिंग कम होने पर एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। बिलिंग में सुधार की मॉनीटरिंग का जिम्मा चीफ इंजीनियर को सौंपा गया है। वह बिलिंग की समीक्षा करेंगे और कमी मिलने पर कार्रवाई की संस्तुति करेंगे।

बिजली निगम का सबसे ज्यादा जोर सही और समय से बिलिंग पर है। यदि बिल समय से नहीं मिलेंगे और गलत होंगे तो कंज्यूमर इसे जमा नहीं करेंगे। इससे राजस्व का नुकसान होगा।

देवेंद्र सिंह, चीफ इंजीनियर