- जुबिली इंटर कॉलेज में लंबे समय से बंद है मिड डे मील

- एडी ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज में छात्राओं को मिल रही सुविधाएं

- जुबिली के छात्र लगा रहे शिक्षा विभाग पर भेदभाव का आरोप

GORAKHPUR: बोर्ड एग्जाम से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं तक लड़कियों का ही झंडा बुलंद है। ये अच्छी बात है लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि शिक्षा विभाग लड़कों से भेदभाव ही शुरू कर दे। ये कहना है राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के छात्रों का। स्टूडेंट्स का आरोप है कि स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को दोपहर का भोजन नहीं दिया जाता है। जबकि, पास के ही राजकीय एडी ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज में लड़कियों को ये सुविधा मिल रही है। साथ ही दूध की व्यवस्था भी लंबे समय से बंद है। वहीं कॉलेज प्रशासन का कहना है कि शिक्षा विभाग से कई साल से मांग की जा रही है लेकिन डीआईओएस ऑफिस कुंभकर्णी नींद सो रहा है।

2011 से भूखे हैं छात्र

राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में वर्ष 2011 से ही स्टूडेंट्स को ना तो दोपहर का भोजन नसीब हो रहा है और ना ही दूध। जबकि, सरकार का आदेश है कि सरकारी स्कूलों में हर बच्चे को दोपहर का भोजन दिया जाए, लेकिन यहां ऐसा होता नहीं दिख रहा। जबकि पास ही स्थित राजकीय एडी ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज में छात्राओं को पर्याप्त सुविधाएं मिल रही हैं। स्टूडेंट्स का आरोप है कि एडी ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज भी तो सरकारी स्कूल है, फिर वहां सुविधाओं का अभाव क्यों नहीं है। शासन के आदेश के बावजूद शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभा रहे। इस संबंध में तत्कालीन प्रिंसिपल जगदीश नारायण सिंह ने डीआईओएस से मिड डे मील योजना चालू कराने के लिए कई बार पत्राचार भी किया लेकिन कुछ नहीं किया गया।

मायूस रहते हैं स्टूडेंट्स

यहां कई ऐसे स्टूडेंट्स हैं जो गरीब परिवार से हैं। नियमत: इन्हें भोजन मिलना चाहिए, लेकिन स्कूल में भोजन ना मिलने से वे काफी मायूस रहते हैं। हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स की मानें तो मिड डे मील की सुविधा कॉलेज प्रशासन को करनी चाहिए लेकिन वे कुछ नहीं कर पा रहे।

वर्जन

आखिर राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के छात्रों को दोपहर का भोजन क्यों नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए बीएसए से बात की जाएगी। बच्चों को दोपहर का भोजन दिलाया जाएगा।

एएन मौर्य, डीआईओएस