फोटो सहित

तीन पीपी फोटो, दूर खड़े लोग

- मानबेला रैली जैसी व्यवस्था तलाशते रहे लोग

- अच्छा होता घर बैठकर देख लिया होता टीवी

GORAKHPUR: फर्टिलाइजर कैंपस में प्रधानमंत्री का भाषण सुनने पहुंचे हजारों लोगों को लौटना पड़ा। कैंपस में लाउडस्पीकर के इंतजाम में कमी की वजह से लोग निराश हुए। झुंगिया गेट से लेकर कार्यक्रम स्थल तक रास्ते भर लोग बिजली के खंभों पर लाउडस्पीकर निहारते रहे। जनसभा के इंट्री प्वाइंट तक साफ आवाज न मिलने से ज्यादातर लोग प्रधानमंत्री को सुने बिना लौट गए। मजा किरकिरा होने पर लोगों ने मोबाइल और टीवी पर पीएम का लाइव कार्यक्रम देखा-सुना। पीएम के जाने के पहले लोग कार्यक्रमस्थल छोड़कर मेडिकल कॉलेज पहुंच गए।

रास्ते में कहीं नहीं लगा लाउडस्पीकर

मेडिकल कॉलेज से झुंगिया, मानबेला ग्राउंड होते हुए फर्टिलाइजर कैंपस में पहुंचने का मुख्य रास्ता बनाया गया था। खजांची चौराहे से लेकर मेडिकल कॉलेज तक बसों, फोर व्हीलर और अन्य गाडि़यों की पार्किंग का इंतजाम किया गया था। देवरिया, कुशीनगर, आजमगढ़, मऊ, बस्ती की ओर से वाहन लेकर आने वाले लोगों को तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। इसके बाद ही लोग जनसभा स्थल तक पहुंच सके। मेडिकल कॉलेज, झुंगिया गेट, मानबेला, फत्तेपुर होते हुए जाने वाले लोग राह चलते जनसभा की गतिविधियों से वाकिफ होना चाहते थे। लेकिन रास्ते में कहीं लाउडस्पीकर न होने से लोगों को निराश हाेना पड़ा।

घर लौट कर टीवी देखने लगे लोग

2014 में लोकसभा चुनाव के पहले नरेंद्र मोदी की रैली मानबेला में हुई थी। इस दौरान चारों तरफ लाउडस्पीकर लगा था। कार्यक्रम स्थल पर करीब आधा दर्जन डिस्पले बोर्ड भी लगाए गए। मंच से काफी दूर बैठे-खड़े लोग डिस्पले बोर्ड पर कार्यक्रम देख रहे थे। इस बार पीछे की ओर ऐसा कोई इंतजाम न होने से लोगों को परेशानी हुई। सभा के इंट्री प्वाइंट तक साफ आवाज न मिलने पर लोग लौट गए। आसपास गांवों के लोगों ने घर जाकर टीवी पर पूरा कार्यक्रम देखा। मेडिकल कॉलेज एरिया में दुकानों पर टीवी देखने वालों की भीड़ लगी रही।

प्रोग्राम का लाइव टेलीकास्ट दिखाना चाहिए थे। आगे वाले लोग ही ठीक से देख-सुन पा रहे हैं। मानबेला रैली में हर जगह लाउडस्पीकर लगे होने से साफ आवाज मिलती थी।

शेषमणि, विशनुपुरा

पूरे फर्टिलाइजर में टीवी लगा देना चाहिए था। इससे लोग जहां-तहां खड़े होकर लाइव प्रसारण देख लेते। चार किलोमीटर पैदल चलकर कार्यक्रम में पहुंचे। लेकिन कुछ भी हासिल न हुआ। इससे अच्छा घर पर टीवी देख लिया होता।

जितेंद्र यादव, बूढ़ाडीह

भीड़ होने से बहुत से लोग सभा में नहीं पहुंच सके। आसपास सभी जगहों पर लाउडस्पीकर होने से सभी लोग प्रधानमंत्री का भाषण सुन लेते। व्यवस्था में लगे लोगों को इस पर ध्यान देना चाहिए था।

वकील प्रसाद, विशुनपुरा