- तबाही मचाने पर आमादा है रोहिन, राप्ती भी बढ़ने से बढ़ गई है मुश्किल

- एनडीआरएफ की तीन बोट के सहारे सैकड़ों जिंदगियां, प्रशासन की भूमिका संतोषजनक नहीं

GORAKHPUR: एक तरफ बाढ़ गोरखपुर में तबाही मचाने पर आमादा है, वहीं दूसरी तरफ प्रशासन बचाव में फेल होता नजर आ रहा है। गुरुवार को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने विभिन्न जगहों के हालात देखे। इन सभी जगहों पर प्रशासन की भूमिका बहुत ज्यादा संतोषजनक नहीं नजर आई। शहर से महज 15 से 20 किमी की दूरी पर करीब 40 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें से कई जगहों पर बचाव के इंतजाम बहुत माकूल नहीं दिखे। पानी से घिरे करीब आधा दर्जन गांव में महज एनडीआरएफ की तीन बोट के जरिए रेस्क्यू किया जा रहा है।

दर्जनों गांव में भरा पानी

रोहिन नदी के उफान की वजह से देर रात बनराह बांध कटने की वजह से पानी ने आसपास के गांव की ओर रुख कर लिया। इसका असर यह रहा कि कुछ ही घंटों में आधा दर्जन से ज्यादा गांव पानी की जद में आ गए। पानी बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी होने की वजह से एक के बाद एक गांव चपेट में आते जा रहे हैं और सोनौली के साथ ही कई संपर्क मार्ग बिल्कुल जलमग्न हो चुके हैं।

प्रशासन की नाव का इंतजार

लगातार पानी बढ़ने की वजह से गांव में लोग दहशत में हैं। बाढ़ के पानी ने हजारों परिवार के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। गुरुवार को करमहा कला और करमहा खुर्द गांव पूरी तरह से घिरे रहे। वहीं पास में मौजूद नंदापार गांव में एनडीआरएफ की टीम ने डेरा डाल रखा था, लेकिन दो हजार से ज्यादा लोगों के रेस्क्यू करने में उनकी कोशिशें पर्याप्त नहीं साबित हो रही थीं। बाढ़ में फंसे लोग बार-बार मदद की गुहार लगा रहे थे, लेकिन वहां प्रशासन के जिम्मेदारों की बोट या नाव नहीं पहुंच सकी थी।

खतरे में हैं 40 से ज्यादा गांव

करमहा गांव के पास बांध कटने से पानी लगातार फैल रहा है। इसकी वजह से गांव बुधवार की रात जहां आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे, वहीं इससे अब दूसरे गांव में भी खतरा मंडरा रहा है। लक्ष्मीपुर, सरहरी, बनरहा, बढ़नी, रामपुर, गोपालपुर, चोरवा, विशुनपुरा समेत 40 गांव में इसका पानी पहुंचना तय है, जिसमें करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। शुक्रवार की सुबह तक हालात और खराब होने के आसार हैं। ऐसा तब हुआ है जबकि 72 घंटे से ग्रामीण बांध बचाने की जुगत में लगे हुए थे, लेकिन गांव वालों की मानें तो जिम्मेदारों की मदद न मिलने से बंधे को बचाने में वह नाकाम रहे।

तुर्तीपार और बर्डघाट में बढ़त जारी

घाघरा की बढ़त

बर्डघाट

16 अगस्त 75.7 मीटर

17 अगस्त 76.2 मीटर

तुर्तीपार

16 अगस्त 64.5 मीटर

17 अगस्त 64.6 मीटर

बॉक्स -

अब सरयू भी बढ़ा रही परेशानी

गोरखपुर में रोहिन तो कहर ढाने में लगी हुई ही है, वहीं अब सरयू ने भी लोगों की परेशानी बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसके पानी की वजह से राप्ती में भी बढ़त का सिलसिला और तेज हो गया है, जिससे बाढ़ के हालात और गंभीर हो गए हैं। हालत यह है कि कुआनो और घाघरा में पहले से ही बढ़त है, वहीं रोहिन के भी बढ़ जाने से पानी आगे नहीं निकल पा रहा है और इसका असर बंधों के साथ आसपास के गांव में देखने को मिल रहा है।

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यूं बढ़ सकती है मुश्किल

- राप्ती नदी का पानी घाघरा में मिलता है। घाघरा पहले से उफान पर है, जिसकी वजह से राप्ती का जलस्तर बढ़ेगा तो पानी का रुख आसपास के गांव की ओर होगा।

- रोहिन नदी पहले से उफान पर है और कई गांवों को अपने आगोश में ले चुकी है। इसका पानी अब चिलुआताल में गिरने लगा है।

- चिलुआताल भरते ही यह पानी मोहरीपुर, तरहवा, महेसरा के साथ कई गांवों में पहुंचेगा।

-चिलुआताल से जुड़े कुछ नालों का जुड़ाव रामगढ़ताल से है। चिलुआताल में पानी का दबाव बढ़ने पर रामगढ़ताल भी उफान मारेगा।

-राप्ती का जलस्तर बढ़ने पर यह फोरलेन की तरफ से रामगढ़ताल पर दबाव बनाएगी। ऐसी कंडीशन में नालों की जलनिकासी में बाधा पैदा होगी और बारिश हुई तो शहर के हालात बदतर हो जाएंगे।

- राप्ती नदी के उफान पर होने की वजह से लहसड़ी बंधे पर भी दबाव है, जहां हल्का रिसाव शुरू हो चुका है। अगर दबाव बढ़ता है तो ऐसी कंडीशन में रुस्तमपुर, आजाद चौक के साथ ही आसपास के इलाके भी जलमग्न हो जाएगें।

- अगर रोहिन में भी बढ़त जारी रहती है, तो इस कंडीशन में बंधे पर दबाव बढ़ेगा, जिससे शहर के कई इलाकों में पानी घुस सकता है।