- घर में रहकर बड़ों की तरह रोजा रख रहे हैं नन्हें रोजेदार
- गर्मी की शिद्दत, प्यास की आजमाइश भी नहीं डिगा पा रही है हौसला
- अल्लाह की रजा के लिए रखा रोजा, वबा से निजात की मांगी दुआ
GORAKHPUR: अल्लाह की रजा के लिए अगर कुछ करना है तो उसमें उम्र क्या, मौसम क्या और तकलीफें क्या? बस ठान लिया तो इसे पूरा भी करना है। कोरोना वायरस की बढ़ती दहशत के बीच स्कूल्स और कॉलेजेज बंद कर दिए गए हैं। क्लासेस भी ऑनलाइन चल रही हैं, जिसकी वजह से कहीं दौड़-भाग या चीख-चिल्लाहट भी नहीं करनी है। ऐसे में कम उम्र के बच्चे भी अल्लाह को राजी करने के लिए इस शिद्दत भरी गर्मी में रोजेदार बने हैं। कम उम्र के बाद भी इनके हौसले इतने ज्यादा हैं कि इन्हें देखकर घरवाले भी उन्हें इसके लिए मना नहीं कर पा रहे हैं। इनका तादाद एक्का-दुक्का नहीं, बल्कि काफी ज्यादा है।
नमाज फर्ज की उम्र में रख रहे रोजा
मोमिनों में बच्चों के लिए सात साल की उम्र में नमाज पढ़ना फर्ज किया गया है। इस उम्र तक वह नमाज के आदी हो जाएं, इसके लिए घर वाले पहले से ही उन्हें नमाज के लिए ताकीद शुरू कर देते हैं। मगर इन दिनों इस सोच में काफी बदलाव देखने को मिला है। घर का माहौल पाकर बच्चे खुद ब खुद दीन और इस्लाम की ओर मुतवज्जो हो रहे हैं और उसके अरकानों को बगैर किसी के कहे अपना रहे हैं। इसी कड़ी में अब नमाज फर्ज होने की उम्र वाले बच्चों ने भी रोजा रखना शुरू कर दिया है। छह, सात और आठ साल उम्र के यह नन्हें रोजेदार दिन भर अल्लाह की इबादत के साथ रोजा रख रहे हैं और उसे राजी करने की कोशिश कर रहे हैं।
दिन भर चल रही तैयारी
नन्हें मुन्नों को रोजा रखने के लिए मना न कर पाने वाले पेरेंट्स भी बच्चों की इस पहल में अब उनका साथ निभाने लगे हैं। सेहरी के वक्त उन्हें उठाना, जरूरत के मुताबिक खाना और पानी देने का ख्याल तो कर ही रहे हैं, वहीं दिन भर उनकी सेहत का ख्याल रखते हुए इफ्तार पर भी पसंदीदा चीजें बनाने में भी पीछे नहीं हट रहे हैं। कोरोना वबा के दौरान इज्तमाई इफ्तार तो नहीं हो पा रहा है, लेकिन घर वाले ही साथ मिलकर इन नन्हें-मुन्ने रोजेदारों का हौसला बढ़ा रहे हैं। बच्चे भी अल्लाह की रजा के लिए रोजा रखकर काफी खुश हैं।
वबा से निजात की कसरत से दुआ
रोजेदारों की दुआ अल्लाह के नजदीक सबसे ज्यादा कबूल होती है। वहीं जब यह खुद अल्लाह के फरिश्तों जैसे नन्हें रोजेदार हों तो भला कबूलियत क्यूं न होगा? ऐसे में सभी नन्हें रोजेदारों के पेरेंट्स और घरवाले उन्हें हर नमाज में कोरोना से निजात दिलाने की दुआ करा रहे हैं। खासतौर पर इफ्तार के वक्त रोजा खोलने से पहले यह नन्हें रोजेदार इस आफत से निजात की दुआ मांग रहे हैं।
इनके हौसले काफी बड़े -
नाम - आयत
मां का नाम - शबनम
बाप का नाम - मोहम्मद आलम
उम्र - 6 साल
मोहल्ला - बख्तियार
नाम - मोहम्मद हंजला
मां का नाम - नौशीन फातिमा
बाप का नाम - मोहम्मद आजम
उम्र - 10 साल
पता - खोखर टोला
नाम - हुमैरा सिद्दीकी
मां का नाम : शमीमा शेख
बाप का नाम : कमरुल सिद्दीकी
उम्र - 7 साल
पता - गेहूंआसागर
नाम - अरिबा फातिमा
मां का नाम- शबाना खातून
बाप का नाम - मुबारक अली
उम्र - 12 साल
पता - तुर्कमनापुर
नाम - उम्मे हबीबा
मां का नाम : रुबीना खातून
बाप का नाम : कारी अंसारुल हक
उम्र 6 साल
पता - मेवातीपुर
आफरीन फातिमा
बाप का नाम : इरशाद अली
मां का नाम : रिजवाना
उम्र - 7 साल
पता - हुमायूंपुर उत्तरी
नाम - आलिया अरशद
मां का नाम : इरम फातिमा
बाप का नाम : मोहम्मद अरशद
उम्र - 9 साल
मोहल्ला : गोरखनाथ