गोरखपुर (ब्यूरो)। डॉक्टर अरुण प्रताप सिंह की शादी कुशीनगर, पकड़ी की डॉक्टर अर्चना सिंह संग एक दिसंबर को हुई थी। शादी के बाद से वह पत्नी संग श्रीमाता वैष्णो देवी दर्शन

करने का प्लान बना रहे थे। संतकबीर नगर जिले के खलीलाबाद कस्बा निवासी अजय और उनकी पत्नी, गोरखपुर के अनुग्रह उर्फ मुन्ना सहित कुल छह लोगों की टीम ने एक साथ

नए साल पर दर्शन का प्लान बनाया। 29 दिसंबर को सभी लोग जम्मू के लिए रवाना हुए। शुक्रवार को दर्शन के लिए यात्रा प्रारंभ करने पर अरुण प्रताप सिंह ने बाणगंगा गेट से

अपना वीडियो भी शेयर किया। शनिवार की भोर में अरुण प्रताप सिंह के घर पर हादसे की सूचना पहुंची। बताया गया कि हादसे में उनकी मौत हो गई। पत्नी अर्चना सिंह सुरक्षित हैं।

आपस में बहस के बाद मची भगदड़, हो गए शिकार

जम्मू-कश्मीर से आई सूचना के अनुसार अरुण सिंह के परिजनों को बताया कि नए साल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ हो गई थी। इस दौरान लाइन में लगे कुछ लोगों के बीच कहासुनी

हुई, जिसके बाद भगदड़ मच गई। अरुण सिंह अपनी स्मार्ट वॉच पहनकर चले गए थे। सिक्योरिटी चेक में उनको रोक दिया गया। वह अपनी वॉच लॉकर में रखने के लिए लौट रहे थे।

तभी अचानक भगदड़ में फंस गए। अरुण प्रताप सिंह ने जेल बाईपास पर नर्सिंग होम खोला था। उनकी पत्नी भी बीएएमएस डॉक्टर हैं। उनके मित्र अनुग्रह हॉस्पिटल में पार्टनर हैं।

इसके पूर्व वह दो बार दोस्तों संग श्रीमाता वैष्णो देवी दर्शन के लिए गए थे।

गुरुवार रात पिता से हुई थी अंतिम बार बात

पूर्व प्रधान सत्य प्रकाश सिंह चार भाई हैं। उनके परिवार में ओम प्रकाश सिंह, विजय प्रकाश सिंह और वेद प्रकाश सिंह हैं। अरुण की मां तारा देवी हैं। उनकी एक बहन वह परिवार के

पहले डॉक्टर थे , जिन पर पूरे खानदान को नाज था। इसलिए उनकी शादी भी डॉक्टर अर्चना से कराई गई। परिजनों ने बताया कि वह लोग प्राइवेट कार से कटरा पहुंचे थे। गुरुवार की

रात करीब आठ बजे अंतिम बार उनकी पिता से बात हुई थी। हादसे के बाद लोग टीवी देख रहे थे। तभी फोन पर उनके मौत की सूचना आई।

पिता के टूटे सपने, मोहल्ले में छाया मातम

डॉक्टर के हादसे में मौत से पूरे मोहल्ले में मातम छा गया। हर किसी को देखकर उनके पिता बिलख उठ रहे हैं। शनिवार देर शाम बॉडी लखनऊ पहुंचने की सूचना पर परिवार के लोग

रवाना हो गए। बॉडी के साथ डॉक्टर अर्चना सिंह भी लखनऊ आएंगी। परिवार के लोग उनको रिसीव करके गोरखपुर पहुंचेंगे। घटना की सूचना पर चौरीचौरा की विधायक संगीता यादव

उनके घर पहुंची। उन्होंने परिवार को ढांढस बधाते हुए दुख की इस घड़ी में हर पल खड़े रहने का आश्वासन दिया।

हमारा कसूर था मां जो छीन लिया बेटा

अरुण की मां तारा और पिता सत्य प्रकाश की आंखों के आंसू नहीं थम रहे हैं। मां बार-बार कह रही है कि हमारा कसूर क्या था जो मां ने उनसे बेटा छीन लिया। सभी लोग माता का

दर्शन करके दुख दूर करने की दुआ करने जाते हैं। लेकिन मां के दरबार में उनकी किस गलती की सजा मिली जो जिंदगी भर भुगतनी पड़ेगी। अरुण की एक बहन हैं जिनकी शादी हो

चुकी है। शुक्रवार को ही उन लोगों ने दर्शन के लिए चढ़ाई शु़रू की थी। शादी के बाद नए साल पर बाहर जाने का प्लान बना तब अरुण ने कहा था कि पहले वैष्णो धाम जाएंगे।

इसके बाद ही कहीं अन्य घूमने जाएंगे। पत्नी अर्चना भी पति की बॉडी देखकर रो रही थीं। उनकी हाथों की मेंहदी का रंग भी नहीं उतरा है।

रात में 2 बजे के बाद हुआ हादसा

हादसे के बाद भी काफी देर तक अफरातफरी का माहौल रहा। गोरखपुर के रहने वाले सुग्रीव सिंह ने बताया कि वह हर बार नए साल पर दर्शन करने जाते हैं। इस बार ना जाने कहां

से इतनी भीड़ जमा हो गई थी। रात में दो बजे के बाद जब हादसा हुआ तो वह करीब गेट के पास मौजूद थे। घटना के दौरान यह समझ में नहीं आया कि आखिर क्या हुआ है। कुछ

देर तक लोग भागते रहे। बाद में मालूम हुआ कि किसी बात को लेकर आपस में धक्का मुक्की होने से घटना हुई। इस वजह से काफी देर तक दर्शन बंद रहा।