- तुर्कमानपुर में गुरुवार को हुई महफिल-ए-राहे हिदायत

GORAKHPUR: तुर्कमानपुर में गुरुवार को महफिल-ए-राहे हिदायत का आयोजन हुआ। कुरआन ख्वानी व फातिहा ख्वानी की गई। नायब काजी मुफ्ती मो। अजहर शम्सी ने कहा कि दीनी बातों पर जब तक खुद अमल नहीं करेंगे, तब तक लोगों को दीन के बारे में बताने और नसीहत देने का कोई फायदा नहीं मिलेगा, क्योंकि लोग किसी के कहने से नहीं बल्कि उसके अमल को देखकर सीखते हैं। दीनी महफिलों व जलसों का मकसद अच्छाइयों को अपने किरदार के जरिए आम करना है.अच्छे अमल जिंदगी में लाएं। हर तरह की बुराई से खुद को बचाएं। दीनी उसूलों पर चलें। नबी-ए-करीम की सीरत पर अमल करें। किसी के लिए नेकी करें तो दिल से करें।

अमल से साबित करें

कुरआन और सुन्नत के मुताबिक जिंदगी जीने की गुजारिश करते हुए कहा कि यदि आपको अपनी आखिरत संभालने की फिक्र आ जाए तो समझलें कि आपने कुछ सीखा है। जो जुबान से कहा जाए वो अमल से साबित हो। दीन-ए-इस्लाम यही सिखाता है। अपने आमाल से किसी को तकलीफ न पहुंचाएं। जिंदगी जीने के लिए वो तरीका अपनाओ जो हर किसी को राहत पहुंचाए। हर किसी को अपने आमाल का हिसाब देना होगा। अच्छा काम करने वालों को दुनिया में भी अच्छा बदला मिलता है मरने के बाद उनके लिए जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं। अंत में सलातो सलाम पढ़कर दुआ की गई। महफिल में भूतपूर्व प्रशासनिक अधिकारी हाजी साबिर अली, इमरान अली खान, नसीम अहमद, मो। इश्तियाक खान, मो। कैफ खान, बदरुज्जमा, मो। अफरोज कादरी आदि मौजूद रहे।