- गवर्नमेंट का साल के अंत तक सभी के वैक्सीन का टारगेट

GORAKHPUR:

इन दिनों एक सवाल आम है- 'वैक्सीन लगी या नहीं.' कुछ लोग तो इसका जवाब तुरंत दे देते हैं, पर कुछ नहीं। खासकर आधी आबादी यानि कि महिलाएं। हेल्थ डिपार्टमेंट के आंकड़े बताते हैं कि आधी आबादी कोविड वैक्सीनेशन में पीछे है। गोरखपुर जिले में ही कुल वैक्सीनेशन में महिलाओं की हिस्सेदारी 45.68 परसेंट है। जबकि पुरुषों का 54.32 परसेंट वैक्सीनेशन हो चुका है। महिलाओं के कम वैक्सीनेशन के पीछे तरह तरह-तरह के तर्क और भ्रांतियां हैं, लेकिन सच यह है यह वैक्सीनेशन पूरी तरह से सुरक्षित है और संक्रमण से बचने सभी को टीकाकरण करा लेना चाहिए।

देश-प्रदेश में वैक्सीनेशन को लेकर जोरदार अभियान जारी है। सेंट्रल गवर्नमेंट ने इस साल के अंत तक सभी को वैक्सीन लगाने का टारगेट रखा है। सरकारी वेबसाइट www.cowin.gov.in के अनुसार 2 सितंबर तक उत्तर प्रदेश में 7,47,14,964 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इसमें से 4,14,87,246 पुरुष और 3,33,98,828 महिलाओं को टीका लगा है। पूरे स्टेट में टोटल वैक्सीनेशन में महिलाओं का पार्टिसिपेशन 44.70 प्रतिशत है।

वैक्सीनेशन को लेकर भ्रांति और अलग-अलग तर्क

- कुछ महिलाओं को लगता है कि वैक्सीन लगवाने से डेथ हो जाती है।

- घर चलाने के लिए काम करना पड़ता है। वैक्सीनेशन कराने से काम प्रभावित होता है। रोजी-रोटी प असर पड़ सकता है। इसलिए वैक्सीनेशन को टालती रहती हैं।

- आदमी भी सोचता है कि अगर उसकी पत्नी को वैक्सीन लगवाने पर बुखार चढ़ गया तो घर का काम कौन देखेगा।

- वैक्सीन लगवाने के बाद फीवर और बॉडी पेन होना एक वजह है, जिससे महिलाएं आगे कम आती हैं। उन्हें लगता है कि अगर वे बीमार हो गई तो खाना कौन पकाएगा।

- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं वैक्सीनेशन के लिए आगे कम आ रही हैं।

- रूरल एरिया की महिलाएं मोबाइल फ्रेंडली नहीं है। इसलिए उनकी स्लॉट बुकिंग नहीं हो पाती। दूरदराज के सेंटर्स में महिलाओं को लाने-ले जाने की भी प्रॉब्लम रहती है।

कथन फोटो सैम जी के पास

मैंने अभी वैक्सीन लगवाई है। पहली डोज लगवाने में थोड़ी प्रॉब्लम हुई, पर दूसरी में नहीं। कई तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं, जिनसे अफवाह फैल रही हैं। महिलाओं को इन्हें इग्नोर कर टीका लगवाना चाहिए।

रश्मि शाही, आजाद चौक

मेरा आसानी से वैक्सीनेशन हो गया। स्लॉट बुक करने में पहले प्रॉब्लम हो रही थी। सुनने में आया है कि वैक्सीन लगवाने के बाद बुखार होता है। इसलिए दवा लेकर घर आए हैं।

मनोरमा, रुस्तमपुर

दूसरी डोज लगवाने के बाद मुझे थोड़ी सी कमजोरी लग रही थी। लेकिन एक दिन के बाद मैं बिल्कुल ठीक हो गई। वैक्सीन लगवाने के बाद कोरोना से कम डर लग रहा है, पर कोरोना से बचाव के सारे नियम फॉलो कर रही हूं।

नंदनी राय, दाउदपुर

कल ही मैनें वैक्सीन का पहली डोज लगवाई है, हल्की हरारत महसूस हुई, लेकिन दवा खाने से सब ठीक हो गया। वैक्सीनेशन से डरने की जरूरत नहीं है। अब उम्मीद है कि संक्रमण नहीं होगा।

कविता गुप्ता, हंसुपुर

जिलावार आंकड़े

जिला - वैक्सीनेशन - पुरुष - महिला

गोरखपुर - 1914866 - 1035977 - 877938

मेरठ - 1779371 - 968639 - 810135

वाराणसी - 1778345 - 1005702 - 771920

लखनऊ - 2775012 - 1554747 - 1219172

कानपुर - 1821280 - 1008820 - 811980

आगरा - 1793690 - 1008497 - 784094

बरेली - 1704394 - 956363 - 747464

प्रयागराज - 1868871 - 1083655 - 784483

महिलाओं के लिए अलग से बूथ बनाए गए हैं। पहले की तुलना में महिलाओं में उत्साह देखने को मिला है। आधी आबादी को जागरूक किया जाता है कि वे अपने वैक्सीनेशन की पहली और दूसरी डोज जरूर लगवाएं।

डॉ। सुधाकर पांडेय, सीएमओ