गोरखपुर (ब्यूरो)। इसके बाद मामले का ट्रायल सीबीआर्ई दिल्ली की कोर्ट में होगा। मर्डर के आरोपितों की पेशी के लिए उनको तिहाड़ शिफ्ट कर दिया जाएगा।

सुबह पहुंची सीबीआई, कोर्ट में हुई पेशी शुक्रवार की सुबह नौ बजे सीबीआई की टीम लखनऊ से एनेक्सी भवन पहुंची। दोपहर एक बजे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के कोर्ट में मनीष हत्याकांड के आरोपित इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह (जेएन सिंह), दारोगा अक्षय मिश्रा, विजय यादव और राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव और कांस्टेबल प्रशांत की वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के जरिए पेशी हुई। इससे पूर्व सीबीआई के इंस्पेक्टर ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि साक्ष्य संकलन का काम अभी चल रहा है। इसलिए आरोपितों की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी जाए। कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए आरोपित पुलिसकर्मियों की न्यायिक हिरासत छह जनवरी तक बढ़ा दी।

तथ्यों और साक्ष्यों का मिलान करेगी सीबीआई

दो नवंबर से जांच में जुटी सीबीआई टीम ने सभी लोगों का बयान ले लिया है। होटल और थाना रामगढ़ताल में खड़े पुलिस वाहन से फोरेंसिक साक्ष्य जुटाए ही हैैं, बाबा राघव दास मेडिकल कालेज व मानसी अस्पताल से जुड़े तथ्य और प्रपत्र भी प्राप्त किए हैैं। टीम के सदस्य इन्हें सहेजने के साथ बयान से मिलान कर रहे हैैं और कड़ी से कड़ी जोड़ रहे है। यह भी माना जा रहा है कि सीबीआई 15 जनवरी से पहले कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर सकती है। शुक्रवार की देर शाम लखनऊ लौटी सीबीआई टीम पांच जनवरी को फिर गोरखपुर आ सकती है।

यह है मामला

गोरखपुर घूमने आए कारोबारी मनीष गुप्ता की 27 सितंबर की रात पुलिसकर्मियों ने होटल में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। मनीष की पत्नी मीनाक्षी की तहरीर पर रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जेएन सिंह समेत छह पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले की जांच पहले गोरखपुर क्राइम ब्रांच, फिर एसआइटी कानपुर को दी गई। दो नवंबर को मामला सीबीआई के पास आया था। 11 नवंबर को सीबीआई की टीम पहली बार गोरखपुर आई थी।