-सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर 1857 से 1947 तक के सेनानियों और स्वाधीनता के बाद युद्ध में शहीदों को किया जाएगा याद

GORAKHPUR: चौरी-चौरा में देश की स्वाधीनता के लिए अमूल्य संघर्ष शुरू हुआ। इसमें पुलिस और स्थानीय जनता के बीच संघर्ष में तीन स्वतंत्रता सेनानी बलिदान हो गए थे। इसके बाद 228 सेनानियों पर ब्रिटिश हुकूमत ने मुकदमा चलाया था। इसमें 19 को मृत्युदंड, 14 को आजीवन कारावास दिया गया था। आज का यह आयोजन हम सभी के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। मैं विश्वास व्यक्त करता हूं कि हम सभी इन आयोजनों के माध्यम से स्वदेशी, स्वावलम्बन व स्वच्छता की ओर अग्रसर हो सकेंगे। यह बातें सीएम योगी आदित्यनाथ ने चौरी चौरा शताब्दी समारोह के उद्घाटन के मौके पर कहीं। वह प्रधानमंत्री और राज्यपाल का स्वागत करते हुए अपनी बातें रख रहे थे। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के प्रत्येक शहीद स्मारक पर पुलिस बैंड से राष्ट्रभक्ति के गीतों एवं दीपोत्सव का कार्यकम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।

सीएम ने कहा

-आज से प्रदेश के सभी शहीद स्मारकों व स्थलों पर, 1857 से 1947 के बीच व स्वाधीनता के बाद भी विभिन्न युद्धों में देश की सीमाओं की रक्षा में शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए अगले एक वर्ष तक कार्यकम आयोजित किए जाएंगे।

-चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव का आयोजन प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं उनकी प्रेरणा से हो रहा है।

-हम सभी जानते हैं कि 4 फरवरी, 1922 को गोरखपुर के चौरी-चौरा नामक स्थान पर एक ऐतिहासिक घटना हुई थी।

-इससे ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा मिली थी।

-यह महोत्सव हमारे लिए भारत माता के उन सभी बलिदानियों के प्रति श्रद्धा व सम्मान व्यक्त करने का एक समारोह है।