-नगर निगम कैंपस में डेथ और बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने का होता है सौदा

-एक्टिव दलाल पब्लिक से पैसे लेकर बनवा रहे हैं सर्टिफिकेट

20 रुपए है नगर निगम में डेथ और बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने की फीस

350 रुपए तक वसूल रहा है इन डॉक्यूमेंट्स के लिए दलाल

01 महीने तक का लग जाता है डॉक्यूमेंट तैयार होने में

anurag.pandey@inext.co.in

GORAKHPUR: 'भाई साहब डेथ या बर्थ सर्टिफिकेट बनवाना है क्या? तो आप इधर आइए। नगर निगम की खिड़की पर जाएंगे तो परेशान हो जाएंगे। बस थोड़ा सा खर्च कीजिए, फिर टेंशन फ्री हो जाइए। फॉर्म भी मैं भर दूंगा। आप बस डॉक्यूमेंट्स जमा कर दीजिए। फिर यहां के ऑफिस से लेकर प्रशासन तक सब मैं संभाल लूंगा.' नगर निगम कैंपस में सोमवार को स्टिंग के दौरान दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर यह देखकर दंग रह गया।

यूं सामने आया सच।

नगर निगम कैंपस में खेल को लेकर पिछले कुछ दिनों से दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट को पब्लिक से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इस शिकायत की सच्चाई जानने और मामले की तह तक पहुंचने के लिए दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर पहुंचा नगर निगम कैंपस। यहां पर जिस तरह से करप्शन का खेल चलता मिला वह वास्तव में चौंकाने वाला था।

रिपोर्टर और दलाल से बातचीत

रिपोर्टर: भाई साहब डेथ सर्टिफिकेट बनवाना है?

दलाल: डॉक्यूमेंट लेकर आइए बन जाएगा, दौड़ना भी नहीं पड़ेगा।

रिपोर्टर: क्या-क्या कागज लगेगा?

दलाल: कब मौत हुई, कहां हुई और आधार कार्ड।

रिपोर्टर: कितना पैसा लगेगा?

दलाल: 350 रुपए लगेगा।

रिपोर्टर: अंदर तो 20 रुपए ही लगता है।

दलाल: जाइए, वहीं बनवा लीजिए। दौड़ते-दौड़ते हालत खराब हो जाएगी।

रिपोर्टर: कुछ कम कर दीजिए।

दलाल: इससे कम नहीं होगा।

रिपोर्टर: आज फॉर्म नहीं भरा पाएगा?

दलाल: सारा डिटेल लिखकर दे दीजिए। सुबह फॉर्म भरकर जमा कर देंगे। इसके बाद आपके वाट्सएप पर डिटेल भेज देंगे।

रिपोर्टर: कहीं प्रॉब्लम ना हो जाए?

दलाल: तब आइएगा आपके सामने ही भर देंगे।

बर्थ सर्टिफिकेट का भी सेम रेट

इसके बाद रिपोर्टर ने दलाल से बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने की बात की। इस पर दलाल का रिएक्शन कुछ यूं रहा

रिपोर्टर: बच्चों का बर्थ सार्टिफिकेट भी बनवाना है। उसका कितना पैसा लगेगा?

दलाल: ले आइएगा बन जाएगा। उसका भी 350 रुपया ही लगेगा।

रिपोर्टर: इतना पैसा क्यों लग रहा है?

दलाल: अरे लेखपाल और लोग जांच करते हैं।

रिपोर्टर: जांच तो तब हो जाएगी।

दलाल: देखिए खर्चा कुछ नहीं है। लेकिन जगह-जगह पैसा बांटना पड़ता है। नोटरी, लेखपाल और पटवारी सबको देखना होगा।

रिपोर्टर: इसके अलावा कोई खर्च नहीं होगा?

दलाल: अरे घर पर कोई जाएगा तो सौ-पचास दे दीजिएगा।

रिपोर्टर: भाई, पैसे लेने के बाद गायब तो नहीं हो जाओगे।

दलाल: क्या बात कर रहे हैं, मेरी पांच हजार की चौकी है। इसको छोड़कर जाएंगे। बेफिक्र रहिए।

खास को फ्री में सेवा

नगर निगम कैंपस में बैठा दलाल अपने खास के लिए स्पेशल इंतजाम कर रहा था। रिपोर्टर से बातचीत के दौरान ही एक व्यक्ति को दलाल ने तैयार सार्टिफिकेट दिया। उस व्यक्ति ने जब पैसे की बात की तो दलाल मुस्कुराकर बोला, आप से भला हम पैसा लेंगे? आपके लिए तो फ्री सेवा है।

और महिला की अनसुनी

वहीं एक महिला काफी देर तक पैसा कम करने का निवेदन दलाल से करती रही। लेकिन दलाल ने उसकी बात को अनसुना कर दिया। महिला से उसने कुल चार सौ रुपए लिए। दलाल की चौकी पर करीब दो दर्जन तैयार सार्टिफिकेट रखे हुए थे। वहीं ढेर सारे भरे हुए फार्म भी रखे हुए थे। पूरे दिन उसके पास खूब भीड़ लगी रही।

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नगर आयुक्त ने पकड़ा था दलाल

अभी दस दिन पहले नगर आयुक्त ने नगर निगम कैंपस में दलाल पकड़ा था। इसके बाद उन दलालों को निगम स्थित पुलिस चौकी को सौंप दिया था। इसके बाद फिर दलाल बैठ रहे हैं। आखिर इसके पीछे किसका हाथ हो सकता है यह सवाल उठना तो लाजिमी है।