गोरखपुर (ब्यूरो).बता दें, बाजार में देखने में पूरी तरह से पके हुए रसीले और पीले आम अथवा पीले छिलके वाले पके केले देखकर मुंह में पानी आने लगता है, लेकिन ये फल पौष्टिकता देने की बजाय नुकसान पहुंचा रहे हैं। बाजार में बिक रहे फल कार्बाइड 'कैल्सियम कार्बाइडÓ से पके होने से याददाश्त कमजोर हो रही है। त्वचा रोग व गेस्ट्रिक जैसी बीमारियां हो रही है। यह हम नहीं बल्कि फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम कह रही है। फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट की मानें तो कार्बाइड से पके फलों के खाने से आत्म संतुष्टि तो मिलती है, लेकिन इन फलों से होने वाले नुकसान लोगों को मालूम नहीं है।

पकाने के लिए करते हैैं खेल

फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट के सहायक आयुक्त खाद्य-द्वितीय गुंजन कुमार ने बताया, ठेले वालों ने फलों को पकाने की नई रासायनिक विधि अपना ली है। इस रासायनिक विधि द्वारा पकाए गए फलों को खाकर स्वस्थ व्यक्ति बीमार पड़ सकता है। यह मीठा लेकिन धीमी गति का जहर है, जो हमारे शरीर में बीमारियों को आमंत्रित कर रहा है। फल कारोबारी पुरानी विधि (घास की पाल) से फलों को पकाना भूल चुके हैैं। जबकि पुराने प्रोसेज से फलों को पकाने से 5-8 दिन का समय लगता था, जबकि कार्बाइड से फल न केवल एक-दो दिन में पककर तैयार हो जाते हैं, बल्कि काफी अच्छे पके नजर आते हैं। जो सेहत के लिए खतरनाक है।

हो सकती है बीमारी

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ। अमित शाही ने बताया, गैस और कार्बाइड से पके फलों का उपयोग करने वालों पर इसका असर तत्काल भले ही न हो, लेकिन लगातार सेवन से मेमोरी कमजोर होती है। वहीं अन्य गंभीर बीमारियां के होने का खतरा रहता है। उन्होंने बताया कि आम में विटामिन के अलावा शरीर के लिए उपयोगी फाइबर, कैल्सियम, आयरन सहित लगभग सारे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं। कार्बाइड से पकाने से फलों में विटामिन की मात्रा काफी कम हो जाती है। इससे फल से होने वाले फायदे नजर नहीं आते हैं।

पानी से धोने के बाद ही खाएं फल या सब्जी

- एक्सपर्ट की मानें तो कार्बाइड से पके फल व सब्जियों में विटामिन, थायमिन, नाइसिन, राइबोफ्लेविन और कुछ खनिज पदार्थ नष्ट हो जाते हैं।

- ऐसे फल-सब्जियां शरीर में गर्मी उत्पन्न करते हैं और हृदय व नाड़़ी की गति को तेज करते हैं।

- इसके विपरीत पाल (देसी तरीका) से पके फलों में पोषक तत्वों का ह्रास बिल्कुल भी नहीं होता। फलों व सब्जियों को हमेशा पानी से अच्छी तरह धोकर ही इस्तेमाल करना चाहिए।

- क्योंकि इनके छिलकों पर विषैले तत्व लगे रहते हैं।

- बच्चे आम जैसे फल को सीधे मुंह से चूसने लगते हैं या टमाटर को बिना धोए खा लेते हैं।

- इसी प्रकार ये विषैले तत्व शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं।