- नौजवान कमेटी की ओर से सौदागार मोहल्ला बसंतपुर में ऑर्गनाइज मिलादे मुस्तफा कांफ्रेंस

- उलेमाओं ने रखीं मोहम्मद साहब से जुड़ी बातें

GORAKHPUR: पैगंबर-ए-आजम हजरत मोहम्मद साहब ने जिस समाज का निर्माण किया, उसमें बड़ों की इज्जत, छोटों से प्यार, कमजोरों के प्रति सहानुभूति, औरतों का सम्मान, गुलामों को बराबरी, मजदूरों के साथ उचित व्यवहार, कानून के प्रति जागरुकता और अन्याय के प्रति घृणा का वातावरण उत्पन्न हुआ। यह बातें बतौर मुख्य अतिथि गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर के पेश इमाम मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने कही। वह नौजवान कमेटी की ओर से सौदागार मोहल्ला बसंतपुर में ऑर्गनाइज मिलादे मुस्तफा कांफ्रेंस में अपनी बातें रख रहे थे। उन्होंने कहा कि पैगंबर-ए-आजम ने ऐसे आधुनिक इस्लामी समाज का निर्माण किया और एक ऐसे शासन-व्यवस्था की आधारशिला रखी, जिसके आधार पर आज बड़ी आसानी से आधुनिक युग का निर्माण किया जा सकता है।

नमाज कायम करें

उन्होंने कहा कि नशा, घमंड व लालच हर बुराई की जड़ है, मुसलमान इससे दूर रहें। नमाज कायम करें। तालीम हासिल करें और हर पढ़ा लिखा शख्स दस लोगों को पढ़ना लिखना सिखाए। विशिष्ट अतिथि कारी अफजल बरकाती ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम अल्लाह के द्वारा दिया गया संदेश है जो कुरआन-ए-पाक के रूप में आखिरी पैगंबर-ए-आजम हजरत मोहम्मद साहब के ऊपर नाजिल हुआ। पैगंबर-ए-आजम ने अल्लाह के हुक्म के अनुसार अमल करते हुए अपनी पूरी जिंदगी गुजारी। अल्लाह का आदेश और पैगंबर-ए-आजम की अमली जिंदगी मिलकर ही दीन-ए-इस्लाम को मुकम्मल करती है।

जिंदगी से मौत तक का सिखाया तरीका

दीन-ए-इस्लाम अल्लाह का भेजा हुआ सच्चा दीन है, जिसके अंतर्गत इंसान अपनी जिंदगी के तमाम पहलुओं सामाजिक, राजनीतिक, धाíमक, नैतिक आदि में कामयाबी हासिल कर सकता है। दीन-ए-इस्लाम में इंसान की पैदाइश से लेकर मौत तक की व्यवस्था आदि का मार्गदर्शन दिया गया है। आखिर में सलातो-सलाम पढ़कर फातिहा व दुआ ख्वानी हुई। जलसे में कारी मो। मोहसिन रजा बरकाती, सैयद मोहम्मद औन, मो। रमजान, मो। अमन, सैयद अहमद रशाद, मो। अरशद, सैयद मो। हाशिम, हाजी खुर्शीद आलम, मो। वसीम आदि मौजूद रहे।