- 20 फरवरी तक हेल्थ डिपार्टमेंट को करनी होगी तैयारियां

- कई बीमारियों का होगा टीकाकरण

GORAKHPUR: हेल्थ डिपार्टमेंट कोविड वैक्सीनेशन की तैयारियां में जुटा हुआ है। वहीं बच्चे भी हेल्दी व फाइन रहें और जानलेवा बीमारियां उनसे दूर रहें, इसके लिए 23 फरवरी से मिशन इंद्रधनुष का आगाज किया जाएगा। इस दौरान दो साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इस विशेष अभियान में फ्री ऑफ कॉस्ट टीके लगाए जाएंगे। गोरखपुर समेत प्रदेशभर के 37 जिलों मे इस अभियान का दूसरा चरण चलेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने इस संबंध में निर्देश जारी किए है।

90 परसेंट कवरेज का लक्ष्य

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि टीकाकरण से पहले आशा और एएनएम की ट्रेनिंग होगी। नियमित टीकाकरण के साथ मिशन इंद्रधनुष-3.0 के जरिए टीकाकरण कवरेज को बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत पहला चरण 23 फरवरी के अलावा एक और दो मार्च को टीकाकरण किया जाएगा। दूसरा फेज 23 मार्च, 5 अप्रैल और 6 अप्रैल को चलाया जाएगा। इसके तहत आठ फरवरी को जनपद स्तरीय संवेदीकरण और फिर नौ और 10 फरवरी को ब्लॉक स्तरीय ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने बताया कि 11 से 16 फरवरी आशा कार्यकर्ता हेड काउंट सर्वे कर लाभाíथयों की सूची तैयार करेगी। 17 से 19 फरवरी तक माइक्रो प्लान तैयार किया जाएगा। माइक्रो प्लान और लाभाíथयों की सूची की समीक्षा 20 फरवरी को राज्य स्तर पर की जाएगी।

यह टीके लगेंगे

सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान में शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को ओपीवी, टिटनेस पोलियो, तपेदिक, गलाघोंटू, निमोनिया, मैनेजाइटिस, हेपटाइटिस बी, पीलिया, काली खांसी, डीपीटी, बीसीजी, पेंटा, एमआर (मीजल्स-रूबेला), रोटा वायरस और टीडी (टिटनेस-डिप्थीरिया), आईपीवी, विटामिन-ए के टीके लगाएं जाएंगे। इसके अलावा अभियान में गर्भवती महिलाओं को टिटनेस का टीका भी लगाया जाएगा।

- इन्द्रधनुष अभियान में दो तरह के बच्चों को शामिल किया गया है।

पहला लेफ्ट आउट- जिन बच्चों को एक भी टीका नहीं लगा है।

दूसरा ड्राप आउट- ऐसे बच्चे जिन्होंने एक दो टीके लगवाने के बाद बीच में अन्य टीके नहीं लगवाएं।

- स्वास्थ्य विभाग के अलावा एकीकृत बाल विकास सेवा, शिक्षा, पंचायती राज विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग समेत कई सरकारी अमलों का सहयोग लिया जाएगा।

दो वर्ष से छोटे बच्चों और उन गर्भवती के लिए है, जो नियमित टीकाकरण के दौरान छूट जाती हैं। इस अभियान का नाम इंद्रधनुष इसलिए रखा गया है क्योंकि अभियान के दौरान कई बीमारियों से प्रतिरक्षित करने के लिए टीके लगाए जाते है।

डॉ। नीरज कुमार पांडेय, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी