गोरखपुर (ब्यूरो).शासन से एडवाइजरी जारी होने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट सतर्क हो गया है। सीएमओ के मुताबिक, मंकी पॉक्स नामक वायरस से व्यक्ति को पहले बुखार आता है उसके बाद शरीर में चकत्ते पडऩे लगते हैं। लिम्फनोड़ जैसे लक्षण मिलते हैं। जो दो से चार सप्ताह तक रहता है। यह वायरस आंख, नाक, मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश होता है। इसके अलावा संक्रमित जानवरों के काटने पर भी यह संक्रमण हो सकता है। अगर किसी भी पेशेंट में इस तरह का कोई लक्षण पाया जाता है तो उसके सैंपल को पूणे स्थित इंस्टीट्यूट वायरोलॉजी लैब में भेजा जाएगा।

क्या है मंकी पॉक्स वायरस?

मंकी पॉक्स स्मालपॉक्स की तरह ही एक वायरस इंफेक्शन है, जो चूहों और खासकर बंदरों से इंसानों में फैल सकता है। अगर कोई जानवर इस वायरस से संक्रमित है और इंसान उसके संपर्क में आता है तो संभावना है कि उसे भी मंकी पॉक्स हो जाए। यह देखने में चेचक का बड़ा रूप लगता है, इसमें लगभग लक्षण भी वही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा जाता है, जिससे दूसरे को ये बीमारी न फैले। फेस मास्क का इस्तेमाल और साफ-सफाई का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।

मंकीपॉक्स के लक्षण

पूरे शरीर पर गहरे लाल रंग के दाने

निमोनिया तेज सिरदर्द

मांसपेशियों में दर्द

ठंड लगना

अत्यधिक थकान

तेज बुखार आना

शरीर में सूजन एनर्जी में कमी होना

स्किन में लाल चकत्ते

समय के साथ लाल चकत्ते घाव का रूप लेना आदि

मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। हालांकि अभी तक इस तरह के कोई के सामने नहीं आए। यदि इस तरह के पेशेंट आते हैँ तो उनके लिए जिला अस्पताल में पांच और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो-दो बेड आरक्षित किए गए हैं।

- डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ गोरखपुर