गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर में नन्हीं बच्चियों की शादी कम उम्र में कर दी जा रही है। उन्हें जब परिवार की पाठशाला में बैठकर रिश्तों और पारिवारिक जिम्मेदारियों का ककहरा सीखना चाहिए, गोरखपुराइट्स उन्हें उस उम्र में ससुराल की चौखट पर पहुंचा दे रहे हैं। अपना पलड़ा झाडऩे के लिए उन्हें न तो बच्ची की जान और सेहत की फिक्र हैं और न ही इस बात की परवाह कि कानून उन्हें इस मामले में कड़ी सजा भी दे सकता है। यह बात सामने आई है, नेशनल हेल्थ सर्वे के आंकड़ों में जहां और भी कई चौंका देने वाले मामले सामने आए हैं।

15 साल की उम्र में हो जा रही शादी

नेशनल हेल्थ सर्वे की फाइंडिंग्स पर नजर डालें तो गोरखपुर में कई मां-बाप ऐसे हैं, जिन्होंने 15 साल की उम्र में ही अपनी बच्चियों की शादी कर दी है। यही नहीं इसमें से तो कुछ बच्चियां कम उम्र में मां तक बन गई हैं। सर्वे के डाटा पर नजर डालें तो 20 से 24 साल की महिलाओं के बीच से डाटा कलेक्शन किया गया। इसमें से 25 फीसद महिलाएं ऐसी मिलीं, जिनकी 15 से 18 साल की उम्र के बीच शादी कर दी गई। सर्वे के दौरान जब प्रेग्नेंसी स्टेटस के बारे में सर्वेयर ने इंफॉर्मेशन कलेक्ट की, तो कुल महिलाओं में करीब 2.1 परसेंट फीमेल्स प्रेग्नेंट भी पाई गईं।

21 साल में कोई लड़का शादीशुदा नहीं

शादी की एज को लेकर गवर्नमेंट का रूल है कि शादी के वक्त लड़की की उम्र कम से कम 18 साल और लड़कों की उम्र कम से कम 21 साल होनी चाहिए। सर्वेयर्स ने गोरखपुर के लड़कों से भी डाटा कलेक्शन किया। 25 से 29 साल तक के मैरीज लड़कों पर हुए सर्वे में यह बात सामने आई कि किसी की शादी 21 की उम्र में नहीं की गई है। इसमें ज्यादातर ने हाल में ही घर बसाया है।

'लीगल एज के नीचे शादी करना कानून जुर्म है। वहीं इस में चाइल्ड बियरिंग के लिए बॉडी तैयार नहीं होती है, लेकिन घर वालों के प्रेशर की वजह से वह प्रेग्नेंसी अडॉप्ट करती है। इससे वह एनिमिया का शिकार तो हो ही जाती हैं, वहीं उनकी लाइफ के लिए रिस्क भी हो जाता है। इस उम्र में वह अपनी प्रॉपर केयर नहीं कर पाती, तो बच्चों की परवरिश पर भी इसका इफेक्ट पड़ता है।'

- डाॅ। सुरहिता करीम, गाइनोकोलॉजिस्ट

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